Bandhavgarh Tiger Reserve: बहादुर मां, "बाघ ने मेरे सीने में पंजे के नाखून गड़ा दिए, लेकिन मैंने बच्चे को बचाने के लिए प्रयास नहीं छोड़ा"
Updated on: Sep 5, 2022, 6:15 PM IST

Bandhavgarh Tiger Reserve: बहादुर मां, "बाघ ने मेरे सीने में पंजे के नाखून गड़ा दिए, लेकिन मैंने बच्चे को बचाने के लिए प्रयास नहीं छोड़ा"
Updated on: Sep 5, 2022, 6:15 PM IST
मां आखिर मां होती है. मां के सामने अगर उसके बच्चे पर कोई जानलेवा हमला करेगा तो वह काली का रूप भी रख सकती है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 15 माह के बच्चे पर बाघ ने हमला कर दिया. यह देखकर बच्चे की मां बाघ पर टूट पड़ी. बाघ ने अपने खतरनाक पंजे महिला के सीने में उतार दिए, लेकिन महिला ने अदम्य साहस दिखाते हुए बाघ को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. हालांकि इस दौरान महिला व उसका बच्चा गंभीर रूप से घायल गए. Bandhavgarh Tiger Reserve, Tiger Attack Mother Son, Tiger attacked woman in Umaria, Mother fight bravely with Tiger
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के माला बीट के तहत उमरिया जिले के रोहनिया गांव की रविवार सुबह की यह घटना है. मां व बच्चे का उपचार अस्पताल में चल रहा है. वहीं, जिला के वन अधिकारियों ने कहा कि वे बाघ का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं. (Bandhavgarh Tiger Reserve)
खेत में काम कर रही थी महिला : उमरिया के वन परिक्षेत्र मानपुर के अंतर्गत ज्वालामुखी के ग्राम रोहनिया में मां अर्चना चौधरी अपने 15 माह के बेटे राजवीर को लेकर खेत में काम कर रही थी. इस दौरान जंगल की तरफ से दौड़ते हुए अचानक बाघ आया और बेटे राजवीर पर हमला कर दिया. बाघ की आहट सुनकर अर्चना ने दौड़ लगाई और बाघ को चकमा देते हुए मासूम राजवीर को खींच लिया. जैसे ही उसने मासूम पर पंजा मारने की कोशिश की बाघ के सामने मां खड़ी हो गई. (Tiger Attack Mother Son)
बाघ ने महिला पर किया हमला : मासूम बच्चे की छाती, पीठ और शरीर पर खरोंच के कई निशान पड़ गए हैं. अपने शिकार को छिटकता देख बाघ ने बेटे को बचाने गई मां पर भी हमला किया, लेकिन उसने बच्चे को छाती से चिपकाया और जमीन पर उसे गिराकर उसके ऊपर लेट गई. इस हमले में अर्चना को भी कई जगह बाघ ने पंजे मारकर घायल कर दिया है. मां और बेटे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में भर्ती कराया गया है, जहां उनको प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है.
शोर सुनकर दौड़े ग्रामीण : बाघ से भिड़ने वाली महिला अर्चना चौधरी ने बताया कि बाघ ने मेरे सीने में पंजे के नाखून गड़ा दिए, जिससे वह असहनीय दर्द से कराह उठी लेकिन मैंने बच्चे को बचाने के लिए प्रयास नहीं छोड़ा. इसके कुछ देर बाद शोर सुनकर कुछ ग्रामीण मौके पर पहुंच गए. ग्रामीणों को आता देखकर उसकी हिम्मत और बढ़ गई. इसके बाद बाघ बच्चे को छोड़कर जंगल में भाग गया. महिला के पति भोला प्रसाद ने बताया कि उसकी पत्नी को कमर, हाथ और पीठ में चोटें आई हैं. बेटे को सिर और पीठ पर चोट लगी है.
बाघ की तलाश जारी : वनरक्षक राम सिंह मार्को ने बताया कि हमले के बाद, महिला और उसके बेटे को तुरंत मानपुर के एक स्वास्थ्य केंद्र और बाद में उमरिया के जिला अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. उन्होंने कहा कि वन विभाग की एक टीम उस बाघ का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिसने बच्चे और उसकी मां पर हमला किया था. उमरिया कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने जिला अस्पताल में महिला और उसके बेटे से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि दोनों को आगे के इलाज के लिए जबलपुर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया है. कलेक्टर ने कहा कि वह वन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. (Tiger attacked woman in Umaria)
