Bandhavgarh Tiger Reserve: बाघ से फाइटिंग में मादा तेंदुए की मौत, 1 सप्ताह पहले मारे गए थे 2 शावक

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Published : Nov 27, 2022, 6:03 PM IST

Bandhavgarh Tiger Reserve

Bandhavgarh Tiger Reserve के पनपथा कोर में शनिवार को एक और मादा तेंदुए की मौत हो गई. हर बार की तरह इस बार भी यही बताया जा रहा है कि तेंदुए की मौत बाघ के हमले में हुई है. (Female leopard died in fighting with tiger) इसी सप्ताह 21 नवम्बर को यहीं तेंदुए के दो शावकों की मौत हो गई थी. मरने वाले शावकों की मां मादा तेंदुए की तलाश अभी तक नहीं हो पाई है.

उमारिया। जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में शनिवार को एक वयस्क मादा तेंदुए की मौत हो गई. (Female leopard died in fighting with tiger) तेंदुए को शुक्रवार की शाम पार्क के गश्ती दल ने घायल अवस्था में देखा था. उसका रेस्क्यू कर वन्यजीव चिकित्सक की निगरानी में इलाज शुरू किया गया, लेकिन शनिवार को दोपहर इलाज के दौरान तेंदुए की मौत हो गई. पार्क प्रबंधन का कहना है कि तेंदुए की मौत बाघ के हमले में हुई है.

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उपचार के दौरान मादा तेंदुआ की मौत: जानकारी के मुताबिक लगभग 5 वर्ष की तेंदुआ शुक्रवार शाम 5.30 बजे वन परिक्षेत्र पनपथा कोर की चंसुरा बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 438 मे घायल अवस्था मे पाई गई थी. यह सूचना मिलने के बाद अधिकारियों का दल घटना स्थल पर पहुंचा. घायल तेंदुए का रेस्क्यू कर ताला कार्यालय परिसर लाया गया. यहां बांधवगढ़ एवं संजय टाइगर रिजर्व के चिकित्सकों की निगरानी मे उसका इलाज शुरू किया गया. बताया गया है कि 26 नवंबर को प्रात: 6.45 बजे घायल मादा तेंदुए ने अंतिम सांस ली. शनिवार को ही पीएम के बाद मृत तेंदुआ का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

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पहले मारे गए थे दो शावक: डॉग स्क्वाड एवं पनपथा कोर और बफर की टीम द्वारा घटनास्थल की सर्चिंग की गई. इस दौरान मौके से करीब 500 मीटर दूर बाघ के पगमार्क एवं बाघ-तेंदुआ संघर्ष के निशन मिले हैं. तेंदुए के बाल तथा रक्त लगा एक ठूंठ भी पाया गया है. इन साक्ष्यों से अनुमान लगाया जा रहा है कि, आपसी संघर्ष के कारण मादा तेंदुआ गंभीर रूप से घायल हुई थी. 5 दिन पहले पनपथा बफर परिक्षेत्र के बटुराहार में 2 शावक गंभीर अवस्था में मिले थे. जिनमें से 1 की मौके पर जबकि दूसरे की ताला में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इन शावकों की मां अभी भी लापता है.

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