Ujjain Mahakaleshwar Temple: देशभक्ति के रंग में रंगे बाबा महाकाल, भस्मारती के दौरान चढ़ाई गई बसंत
Updated on: Jan 26, 2023, 11:39 AM IST

Ujjain Mahakaleshwar Temple: देशभक्ति के रंग में रंगे बाबा महाकाल, भस्मारती के दौरान चढ़ाई गई बसंत
Updated on: Jan 26, 2023, 11:39 AM IST
उज्जैन विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के धाम में हर एक पर्व को सबसे पहले मानने की सदियों पुरानी परंपरा रही है. आज गुरुवार गणतंत्र दिवस व बसंत पंचमी के अद्भुत संयोग पर बाबा की अल सुबह होने वाली भस्मारती के दौरान बाबा को बसंत चढ़ाई गई और तिरंगा स्वरूप में बाबा का श्रृंगार किया गया. छुट्टी का दिन होने के चलते बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे और बाबा का आशीर्वाद लिया.
उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार को प्रातः काल 3:00 बजे होने वाली भस्म आरती में प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भगवान महाकाल देशभक्ति के रंग में दिखाई दिए. पुजारी ओम गुरु ने बताया कि बाबा का हर रोज की तरह पूजन अर्चन आरती की गई, 5 प्रकार के फलों के रस से बाबा को स्नान करवाया, पंचाभिषेक किया, जिसके बाद भस्मारती हुई. तिरंगा स्वरूप में बाबा महाकाल का श्रगार किया, बसंत पंचमी है इसलिए बाबा को बसंत चढ़ाई गई, बाबा को आभूषण पहनाए गए मिष्ठान का भोग लगाया गया.
श्रद्धालुओं में उत्साह: श्रद्धालु प्रियांकी ने बताया कि आज भगवान महाकाल के दर्शन करने आई हूं. मेरे पति सेना में है और वह मुझे लेकर आए हैं. बहुत अच्छा लगा भगवान महाकाल की भस्म आरती में आकर. आज 26 जनवरी का दिन भी है और बसंत पंचमी भी है, मां सरस्वती का पूजन भी किया जाता है लेकिन मुझे यहां कर बहुत अच्छा लगा.
देशभक्ति के रंग में रंगे बाबा महाकाल: 26 जनवरी गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी के पर्व पर भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया, कैसर युक्त दूध जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया. बाबा को तिरंगे का श्रृंगार किया गया, वहीं बाबा को आज बसंत चढ़ाई गई क्योंकि आज बसंत पंचमी है. श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं आनंदमय हो गए. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई, जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया.
भस्मारती के लिए लगी भक्तों की लाइन: उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे से ही मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. तीन बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं और श्रद्धालुओं को बारी-बारी से मंदिर में परमिशन चेक कर अंदर जाने दिया जाता है. आखिर में महाकाल बाबा का पंडे, पुजारी मंत्रोचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत का अभिषेक करते हैं और भगवान महाकाल का भांग और अविर, चन्दन से हरि हर के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं.
