शिवपुरी। जिले की कोलारस जनपद की ग्राम पंचायत मोहराई में बारिश से ग्रामीणों का हाल बेहाल है. इस गांव में मरने वालों को भी सम्मान नसीब नहीं हो पाता है. इस गांव में बारिश में मरने वालों के अंतिम संस्कार में शव को डीजल और केरोसिन डालकर जलाया जाता है. इसकी मुख्य वजह है इस गांव मे मुक्तिधाम की जगह स्वीकृत हुई. एक फाउंडेशन बनाकर वहां टीन शेड भी बनाया गया लेकिन कुछ ही सालों में डाली गई टीन शेड टूट गई. जिसके बाद फिर न बन सकी.
सरपंच और सेक्रटरी ने नहीं दिया ध्यान
इस कारण अब कइ सालों से बारिश के दिनों में मरने वाले ग्रामीणों की चिंताओं में घी के बाद डीजल और केरोसिन का तेल भी डाला जाता है. जिससे चिता में लगी गीली लकड़ियों में आग लग सके. मोहराई ग्राम पंचायत में ऐसा वर्षों से चला आ रहा है. कभी भी किसी सरपंच और सेक्रटरी सहित अन्य जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया.
डीजल डालकर जलाई गई चिता
मोहराई गांव के ग्रामीणों ने बताया कि आज गांव के 80 वर्षीय बुजुर्ग बालकिशन धाकड़ की मौत हुई थी. जिनके अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीण मुक्तिधाम पहुंचे थे. अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल ही रही थी कि अचानक बारिश होने लगी. जिससे सुलगती चिता की आग बुझ गई. जिसके बाद डीजल डाल कर चिता में बुझी आग को फिर जलाई गई. तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा किया जा सका.
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दस साल गुजरे पर नहीं हुआ समस्या का निदान
ग्राम पंचायत मोहराई के रोजगार सहायक सचिव हरिचंद्र धाकड़ ने बताया की ग्राम पंचायत मोहराई में मुक्तिधाम के शेड का निर्माण 2005-2010 में हुआ था. जिसके बाद इसकी कभी भी रिपेरिंग नहीं करवाई गई. इसके लिए कई बार संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया लेकिन राशि स्वीकृत नहीं हुई. जिसके चलते आज 10 साल से इस गांव में इसी प्रकार के हालात हैं.(Shivpuri News, Shivpuri
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