MP Shahdol कुनुक नदी में स्थित हैं कुनकेश्वर नाथ, अद्भुत है यहां के शिवलिंग, 5 दिवसीय मेला शुरू

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Published : Jan 14, 2023, 5:32 PM IST

MP Shahdol Kunkeshwar dham located in Kunuk rive

शहडोल जिले के कुनकेश्वर धाम पर इलाके के लोगों की गहरी आस्था है. मकर संक्रांति पर यहां भगवान शिव की पूजा के बाद मेले की शुरुआत होती है. इलाके के लोगों को इस मेले का इंतजार रहता है. ये मेला 5 दिन तक चलता है.

शहडोल। जिले के जैतपुर में स्थित है कुनकेश्वर धाम. जहां अर्धनारीश्वर अवतार में शिव जी विराजे हुए हैं. ये स्थल बहुत प्रसिद्ध हैं. अपने अद्भुत चमत्कारों के लिए यह धाम प्रचलित है. मकर संक्रांति के दिन नदी के बीच में यहां पहले पूजा पाठ की जाती है और फिर पांच दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है. कुनकेश्वर धाम की खोज भी बड़े ही चमत्कारिक अंदाज में हुई थी. जिसे जानकर हर कोई हैरान हो जाचा गै.

सपने में दिखा शिवलिंग : कुनकेश्वर धाम की लीला कुनकेश्वर धाम की खोज को लेकर वहां के पुरोहित विजय शर्मा बताते हैं कि इस धाम की खोज के पीछे भी चमत्कार है. पुरोहित के मुताबिक साल 1973 में कुनकेश्वर धाम की खोज हुई थी. उस दौर के कोतवाल को एक रात सपना आता है. जिसमें नदी के बीच में शिवलिंग होने की बात वह बताते हैं. जिसके बाद कोतवाल वहां के राजा के पास जाते हैं और फिर उन्हें पूरी बात बताते हैं. वे भी कहते हैं कि उन्हें भी ऐसा ही सपना आया है. फिर वहां के लोगों के साथ मिलकर कुनुक नदी के बीच में खुदाई की गई.

MP Shahdol Kunkeshwar dham located in Kunuk rive
MP Shahdol कुनुक नदी में स्थित हैं कुनकेश्वर नाथ

नदी में 12 फीट गहराई में मिला शिवलिंग : खुदाई के बाद नदी में 12 फीट नीचे गहराई में एक शिवलिंग के दर्शन हुए, जिसे लोग देखकर हतप्रभ रह गए और शिव जी के चमत्कार के बाद ये जगह कुनकेश्वर धाम के नाम से प्रचलित हो गई. पुजारी विजय शर्मा बताते हैं कि कुनुक गंगा में रहने के चलते इस धाम का नाम कुनकेश्वर नाथ या महेश्वर देव है. ये अर्धनारीश्वर के रूप में में हैं. शिवलिंग का तभी से यहां पूजन चल रहा है. इलाके के लोगों की इस भगवान शिव के स्थल को लेकर गहरी आस्था है. लोगों का कहना है कि कुनुक नाथ से जो भी मन्नत मांगो, वह पूरी हो जाती है.

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पहले कोतवाल करते हैं पूजा : इस अद्भुत चमत्कार के बाद से ही यह परंपरा बन गई कि मकर संक्रांति के दिन इस कुनकेश्वर धाम में सबसे पहले उस 12 फीट गहरे में जाकर कोतवाल पूजा की जाती है. इन दिनों अब उस क्षेत्र के थाने के थानेदार जाकर पूजा करते हैं. फिर उसके बाद दूसरे लोग पूजा करते हैं. इस दौरान यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. ये मेला कुनकेश्वर धाम में मकर संक्रांति के दिन से ही पांच दिन के लिए लगता है. इलाके का ये यह भव्य मेला होता है. मेले में आसपास के क्षेत्र के लोग काफी संख्या में आते हैं. पूरे इलाके में इस मेले को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता रहती है.

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