शहडोल। मकर संक्रांति के दिन अमरकंटक में नर्मदा नदी (narmada river in amarkantak) में आस्था की डुबकी लगाने वालों की काफी भीड़ उमड़ती है. यहां दूर-दूर से लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते हैं. मकर संक्रांति के दिन आखिर नर्मदा नदी में स्नान करना क्यों विशेष माना जाता है, देखिए ये रिपोर्ट-
नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते हैं श्रृद्धालु
पावन भूमि अमरकंटक को भला अब कौन नहीं जानता है. ये वही पावन धरा है, जहां से मां नर्मदा का उद्गम हुआ है. इसी पावन धरा में दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. मां नर्मदा के दर्शन करने के लिए और जब मकर संक्रांति (makar sankranti festival in shahdol) जैसा विशेष दिन हो. तब तो श्रृद्धालु कोई भी मौका नहीं छोड़ते मां नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाने का. मकर संक्रांति के दिन अमरकंटक में मां नर्मदा में डुबकी लगाने वाले भक्तों की भीड़ अक्सर देखी जाती है. साल दर साल अमरकंटक की ख्याति और फैलती जा रही है.
स्नान का है विशेष महत्व
मां नर्मदा मंदिर के पुजारी जुगल महाराज बताते हैं कि अमरकंटक मां नर्मदा का उद्गगम स्थल है. यहीं से मां नर्मदा निकलती हैं. मकर संक्रांति के विशेष दिन में इस पावन नदी में नहाने का विशेष महत्व बताया गया है. काफी संख्या में भक्त आते हैं. यहां पर मंदिर के बाहर में स्नान कुंड बना है, जहां श्रृद्धालु स्नान करते हैं. पुजारी बताते हैं कि नर्मदा नदी में मकर संक्रांति के दिन स्नान करने का विशेष महत्व है.
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अमरकंटक के दर्शनीय स्थल
अमरकंटक को मां नर्मदा के उद्गम स्थल के रूप में तो जाना ही जाता है. साथ ही सोन और जोहिला नदी का भी उद्गम स्थल यही पावन धरा है. अगर आप अमरकंटक जाते हैं तो आप नर्मदा कुंड के दर्शन तो करेंगे ही, इसके अलावा कपिल धारा, दूध धारा, माई की बगिया, सोनमुड़ा, त्रिमुखी मंदिर, सोनाक्षी शक्तिपीठ मंदिर, कल्चुरीकाल के प्राचीन मंदिर, जलेश्वर महादेव मंदिर, कबीर चबूतरा भी आपको बहुत आकर्षित करेंगे.