Shahdol के किसानों की लग गई लॉटरी! बिन खाद, बिन पानी हो रहे मालामाल, जानिए कैसे ?

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Published : Sep 9, 2021, 11:22 AM IST

Updated : Sep 10, 2021, 4:26 PM IST

amru farming

शहडोल के किसान बिना खाद और बिना पानी के मालामाल हो रहे हैं. ये कमाल किया है अमरू की फसल (Amru Crop) ने. अमरू को (Amru Farming) ना तो ज्यादा पानी चाहिए और ना ही ज्यादा देखभाल. बस एक बार बीज लगा दो, फिर तीन महीन बाद फसल कटने को तैयार हो जाती है.

शहडोल। अमरू की खेती (Amru Farming) शहडोल के किसान के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. अमरू (Amru Crop) को ज्यादा पानी नहीं चाहिए. ये बंजर भूमि में भी बंपर पैदावार देता है. विटामिन और मिनरल्स से भरपूर अमरू की खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है. इस साल जिले में करीब 400 एकड़ जमीन पर अमरू की खेती की गई है. ज्यादातर लोग अभी भी अमरू से अंजान हैं. आइए जानते हैं कि आखिर ये अमरू है क्या (What Is Amru) और ये कैसे किसानों को मालामाल कर रहा है.

बिन खाद, बिन पानी किसान हो रहे मालामाल: जानिए कैसे बदली शहडोल के किसानों की तकदीर ?
क्या है अमरू ?किसानों को मालामाल और खाने में लाजवाब इस पौधे को इंग्लिश में रोजेला (What Is Amru) कहा जाता है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि ये मालवेसिस फैमिली का पौधा है इसकी खेती मुख्य रूप से खरीफ के सीजन में की जाती है. हालांकि यह लोकल या फिर स्थानीय भाषा में अमरू के नाम से प्रसिद्ध है. अमरू के फूल आ जाने पर यह जितना खूबसूरत लगता है उतना ही खाने में भी लाजवाब है. (What Is Amru) इसलिए अधिकतर ग्रामीण इसकी चटनी बड़े चाव से खाते हैं . अमरू के पत्ते की भाजी भी खाते हैं. (Amru Farming) इसे आम का रिप्लेसमेंट भी माना जाता है जो स्वाद में खट्टा होता है। हर तरह की जमीन पर बम्पर पैदावार

कृषि वैज्ञानिक डॉ मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि शहडोल जिले में एक बड़ी समस्या आवारा मवेशियों की है. कई किसान अपनी जमीन ही खाली छोड़ देते हैं .ऐसे किसानों के लिए अमरू की फसल (Amru Farming) एक वरदान साबित हो सकती है. वजह है, अमरू की फसल (Amru Crop) को मवेशी भी नहीं खाते हैं. ये किसी भी तरह की जमीन में उग जाता है. पथरीली हो या कम उपजाऊ हो. इस फसल में कभी कीड़े- मकोड़े नहीं लगते. इस पौधे के फल के साथ-साथ फूल, पत्ते और बीज भी काम में आते हैं. सिंचाई की जरूरत नहीं, कोई ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं. इसे मवेशियों से भी कोई खतरा नहीं.

मौजूदा साल बढ़ा रकबा

एक फार्मा प्रोड्यूसर कंपनी के सीईओ प्रदीप सिंह बघेल बताते हैं कि अमरू (What Is Amru) और ये कैसे किसानों को मालामाल कर रहा है.
अपने क्षेत्र के किसानों के लिए बड़े काम का है. ये धीरे-धीरे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गया था, लेकिन पिछले साल से हम लोगों ने एक बार फिर से इसे जिंदा करने की कोशिश की है. पिछले साल हमारी फार्मा प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से करीब 10 एकड़ जमीन पर अमरू की खेती (Amru Farming) करवाई गई थी. इस बार करीब 400 एकड़ में अमरू की खेती की गई है.

लागत कम, मुनाफा ज़्यादा

फार्मा प्रोड्यूसर कंपनी के सीईओ प्रदीप सिंह बघेल के मुताबिक अगर कोई किसान अमरू की खेती (Amru Farming) करता है, तो सिर्फ बीज खरीदने में ही पैसा लगेगा. इसके अलावा कुछ भी खर्च नहीं है. किसान एक एकड़ से करीब ₹30, 000 तक नेट प्रॉफिट (Net Profit) कमा सकता है.

सिर्फ तीन महीने में फसल तैयार

प्रदीप सिंह बघेल के मुताबिक इसे जुलाई में लगाया जाता है. अक्टूबर में फूल आते हैं. फिर इसे कटिंग करके सुखाकर भी बेच सकते हैं. ज्यादातर ग्रामीण गर्मी के सीजन में इसकी चटनी बनाकर खाने में इस्तेमाल करते हैं. आजकल इसका इस्तेमाल दवा (Medicinal Purpose) के लिए भी हो रहा है. इसका जूस, जैम , जेली जैसै कई उत्पाद आजकल मार्केट में मिलने लगे हैं. किसान को एक किलो के 80 से ₹100 मिल जाते हैं.

कई साल से खाली थी जमीन, अमरू लगाकर किया नवाचार

युवा किसान पीयूष गर्ग बताते हैं कि उनकी जमीन पथरीली थी, अनुपजाऊ थी. कई बार उस जमीन पर उन्होंने दूसरी फसलें लगाई. लेकिन घाटा ही हुआ. उन्होंने कई सालों से जमीन को खाली छोड़ दिया था. अब उस जमीन पर अमरू की खेती (Amru Farming) की है. बड़े पैमाने पर अमरू लगवाया है पीयूष गर्ग बताते हैं कि हमारी 5 एकड़ की जमीन थी. पिछले 20 सालों से बंजर पड़ी हुई थी.(What Is Amru) कई बार हमने कुछ-कुछ लगाने की कोशिश की. लेकिन कुछ नहीं मिला. फिर किसी ने अमरू के बारे में बताया. इसे यहां करीब 3 एकड़ में लगाया है. इसके अलावा हमारा एक और 20 एकड़ का प्लाट है. उसमें भी हमने अमरू ही लगाया हुआ है.

अमरू के औषधीय फायदे

आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव अमरू के औषधीय फायदे (Medicinal Benefits Of Amru) को गिनाते हुए बताते हैं कि अमरू के फूल की जो पंखुड़ियां होती हैं ये डायरूटिक प्रॉपर्टीज होती हैं. यूटीआई बर्निंग मिचुरेशन या पेशाब की जलन में इसके पत्तियों को पानी में भिगोकर 6 घंटे रखा जाए. इसको छानकर अगर थोड़ा सा शक्कर के साथ पिया जाए तो काफी अच्छा फायदा मिलता है. ये कार्डियक टॉनिक है. इसका रोजाना इस्तेमाल करने से हृदय के मांसपेशियों को ताकत मिलती है. इसमें बीटा केरोटीन है, एन्टी ऑक्सीडेंट है, कैरोटिनाईड है.

Last Updated :Sep 10, 2021, 4:26 PM IST
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