औषधियों का म्यूजियम: रामलोटन की बगिया में है 200 प्रकार की जड़ी बूटियां, PM मोदी भी कर चुके है तारीफ

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Published : Sep 5, 2021, 9:39 PM IST

Updated : Sep 5, 2021, 11:03 PM IST

Farmer Ramlotan built a museum of medicines

सतना जिले के किसान रामलोटन (Kisan Ramlotan) ने अपने एक एकड़ खेत में 200 से अधिक प्रकार की सब्जियां और जड़ी बूटियां उगाकर औषधियों का म्यूजियम (Museum of Medicines) बना दिया है. इसके अलावा 12 प्रकार की लौकियां, गाय के मुंह के आकार के बैगन जैसी अद्भुत सब्जियां भी हैं. किसान रामलोटन के इस औषधियों के म्यूजियम की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में भी कर चुके है.

सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले के एक 65 वर्षीय किसान ने वो कर दिखाया जिसे देख और सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय से महज 35 किलोमीटर दूर उचेहरा तहसील के ग्राम पंचायत पिथौराबाद के अतर्वेदिया ग्राम निवासी किसान रामलोटन कुशवाहा (Farmer Ramlotan Kushwaha) की. जिन्होंने करीब एक एकड़ की भूमि में औषधीय गुणों से भरी जड़ी बूटियों का संग्रह (Collection of Herbs) किया है. इसके अलावा किसान रामलोटन कई प्रकार की सब्जियां भी उगाते हैं. मौजूदा समय मे रामलोटन की बगिया में 200 से अधिक जड़ी बूटियां प्रकार की जड़ी बूटियां और सब्जियों का अनुपम संग्रह है. इसके अलावा 12 प्रकार की लौकियां, गाय के मुंह के आकार के बैगन जैसी अद्भुत सब्जियां भी हैं.

किसान रामलोटन ने बनाया औषधियों का म्यूजियम

दीवार पर लटकाकर रखते है लौकियां

रामलोटन की बगिया (Ramlotan's garden) में आपको दीवार पर कई आकार की सूखी लौकी सहित कुछ और सब्जियां लटकी हुईं दिखेगी. सूखी सब्जियों को दीवार से टांगने के पीछे का उद्देश्य उनके गुणों को बताने और समझाने के लिए है. यही नहीं इनका बीज सुरक्षित कर रखा गया है. रामलोटन को सब्जियों और जड़ी-बूटियों से इतना स्नेह है की वे दिन-रात इनकी सेवा में लगे रहते है. रामलोटन बताते है कि सब्जियां और जड़ी बूटियां मेरा सब कुछ हैं.

रामलोटन ने सब्जियों के रखे अनोखे नाम

रामलोटन ने लौकियों को उनके आकार के आधार पर नाम दिए हैं. जैसे बीन, अजगर, तंबूरा लौकी. इनमें से कुछ खाने के काम आती हैं, तो वहीं कुछ लौकियां औषधीय उपयोग में आती हैं. जिससे पीलिया, बुखार ठीक किया जाता है. इसके अलावा इस बगिया में सिंदूर, अजवाइन, शक्कर पत्ती, जंगली पालक, जंगली धनिया, जंगली मिर्चा के अलावा गौमुख बैगन, सुई धागा, हाथी पंजा, अजूबी, बालम खीरा, पिपरमिंट, गरूड़, सोनचट्टा, सफेद और काली मूसली और पारस पीपल जैसी तमाम औषधीय गुण के पौधे रोपे गए हैं.

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जड़ी बूटियां खोजने के लिए कहीं भी जा सकते हैं रामलोटन

किसान रामलोटन बताते हैं कि वह जड़ी बूटियों को खोजने के लिए कही भी जा सकते है. वे अमरकंटक सहित अन्य जंगलों में भी कई दिनों तक भटके हैं. सुई धागा नामक जड़ी बूटी कटे-फटे को जोड़ देती है. राजाओं के जमाने में तलवार चलती थी. इससे शरीर में जख्म हो जाते थे, तो यही सुई धागा सिलने का काम करती थी. बस इसे काट लें और दूध के साथ बांट लें. जहां कटा है वहां लगा लें 2 घंटे के अंदर पता चल जाएगा कि क्या असर करती है. उनकी बगिया में सबसे खास सफेद पलाश है जो बहुत कम ही देखने को मिलता है. सफेद पलाश को बचाने के लिए रामलोटन उसकी नई प्रजाती भी तैयार कर रहे है.

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रामलोटन वैद्य के नाम से जानते हैं ग्रामीण

रामलोटन अतर्वेदिया खुर्द के अलावा पिथौराबाद, पिथौराबाद चौराहा, पिथौराबाद नई बस्ती गांव भी जाते रहते हैं. पंचायत की कुल आबादी 6 हजार से अधिक है, रामलोटन कुशवाहा को इलाके में 'वैद्य जी' कहकर पुकारने लगे है.

'मन की बात' में पीएम मोदी कर चुके है तारीफ

औषधियों का म्यूजियम बनाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में किसान रामलोटन कुशवाहा की सराहना की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने रामलोटन का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्होंने अपने खेत में एक देसी म्यूजियम बनाया है. इस म्यूजियम में सैकड़ों औषधीय पौधों और बीजों का संग्रह किया है. इन्हें वह दूर-सुदूर क्षेत्रों से यहां लेकर आए. इसके अलावा वह हर साल कई तरह की सब्जियां भी उगाते हैं. रामलोटन की इस बगिया को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं.

Last Updated :Sep 5, 2021, 11:03 PM IST
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