Teachers Day Satna MP सतना में स्टूडेंट्स के बीच माई के नाम से मशहूर प्रोफेसर क्रांति मिश्रा के सामने इसलिए नतमस्तक है समाज

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Published : Sep 5, 2022, 11:25 AM IST

Updated : Sep 5, 2022, 1:08 PM IST

Satna Professor Kranti Mishra

सतना के शासकीय महाविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत क्रांति मिश्रा समाज के लिए एक मिशाल बन गई हैं. उन्होंने अपना पूरा जीवन स्टूडेंड्स को समर्पित किया है. प्रोफेसर क्रांति मिश्रा ने अभी तक अपने निजी खर्च से 10 बेटियों के हाथ पीले कराए. करीब 50 से अधिक छात्र- छात्राओं के पढ़ाई का पूरा खर्च वहन किया है. प्रो. क्रांति करीब 500 पौधरोपण भी कर चुकी हैं. वह अपने कुशल नेतृत्व की वजह से कई सामाजिक संगठनों में पदाधिकारी हैं. Satna Professor Kranti Mishra, Bears cost education students, kranti Mishra passion social service, Teachers day Special

सतना। नीर बिना कोई नदी नहीं, पाप बिना कोई पुण्य नहीं, मां-पिता बिना संस्कार नहीं, गुरु बिना कहीं ज्ञान नहीं. हम बात कर रहे हैं सतना जिले की महिला शिक्षक प्रोफेसर क्रांति मिश्रा की. सतना के शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रोफेसर क्रांति मिश्रा को बचपन से ही शिक्षक बनने की ललक थी. वह मध्यप्रदेश के सागर जिले के छोटे से गांव महराजपुर की हैं. पिता जमीदार थे. करीब 18 वर्षों तक उनके पिता गांव के सरपंच रहे. प्रो. क्रांति मिश्रा के पति DAV पीजी कॉलेज उत्तरप्रदेश में प्रोफेसर हैं. उनके दो बच्चे हैं.

प्रोफेसर क्रांति मिश्रा के सामने इसलिए नतमस्तक है समाज

पिता से मिली समाज सेवा की प्रेरणा : प्रो. क्रांति मिश्रा ने बताया कि समाज सेवा की प्रेरणा उन्हें अपने पिता स्व.दयाशंकर जी से प्राप्त हुई, उनके पिता गांव के जमीदार थे. वह अक्सर ग्रामीणों के सुखदुःख में हरसंभव मदद करते थे. ऐसे में उनकी प्रेरणा से प्रेरित होकर वह बचपन से लोगो की मदद करने से पीछे नहीं हटती थीं, हालांकि खास बात यह है कि उनके गांव में लोग कम पढ़े लिखे थे. हालांकि उनकी रुचि पढ़ने में सबसे अधिक थी. इसके साथ ही वह गांव की बच्चियों को फ्री कोचिंग भी देती थीं. तब से लेकर आज तक प्रो.क्रांति मिश्रा छात्र -छात्राओं की मदद करती चली आ रही हैं. 10 कन्याओं का विवाह कर चुकी हैं : उन्होंने बताया कि वह अभी तक 10 बच्चियों के हाथ अपने निजी खर्च से पीले करवा चुकी हैं. करीब 50 से अधिक छात्र- छात्राओं के पढ़ाई का पूरा खर्च खुद वहन कर चुकी हैं. प्रो. क्रांति मिश्रा समाज मे गरीब और दुखी परिवार की भी हरसंभव मदद करती हैं. साथ प्रो. क्रांति मिश्रा अभी तक सतना में 500 पौधरोपण कर चुकी हैं. वह कई बड़े सामजिक संगठन जैसे राष्ट्रीय सेवा योजना जिला संगठक, विवेकानंद नोडल अधिकारी, स्वीप के नोडल अधिकारी, कुक क्लब प्रभारी और आजादी के अमृत महोत्सव नोडल अधिकारी जैसे बड़े पदों पर हैं.

Satna Professor Kranti Mishra
प्रोफेसर क्रांति मिश्रा के सामने इसलिए नतमस्तक है समाज

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अच्छे संस्कार से समाज आगे बढ़ता है : उनका कहना है कि छात्र- छात्राओं में शिक्षा देने के साथ ही अच्छे संस्कार देने से एक अच्छे समाज का निर्माण होता है. सभी शिक्षकों से यह अपील है कि अपने दायित्वों का निर्वाहन सम्पूर्ण रूप से करें. बच्चों को शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी दें, ताकि वह समाज मे नई ऊर्जा लेकर लोगों के लिए मददगार साबित हो सकें. बड़ी बात यह है कि प्रो. क्रांति मिश्रा ये सभी कार्य नि:स्वार्थ भाव से करती हैं. उनके जीवन का उद्देश्य है कि बच्चों को अच्छे संस्कार देकर नए समाज का निर्माण हो. प्रो. क्रांति मिश्रा को उनके छात्र- छात्राएं उन्हें माँ और माई कहकर पुकारते हैं तो उन्हें अपने बच्चों को अनुभूति प्राप्ति होती है.

Last Updated :Sep 5, 2022, 1:08 PM IST
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