EWS Reservation सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, राज्य सरकार का जवाब - हम 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकते

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Published : Sep 22, 2022, 12:22 PM IST

EWS Reservation Hearing Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट में ईडब्ल्यूएस का फायदा सभी वर्गों को दिए जाने को लेकर लगाई गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. सुनवाई में मध्य प्रदेश सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि किसी भी हालत में आरक्षण की सीमा 50% से ज्यादा नहीं की जा सकती है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के अलावा हाई कोर्ट में भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ सिर्फ सामान्य वर्ग को दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. EWS Reservation, Hearing Supreme Court, State government answer, More than 50 percent impossible, Petitioner Jaya Thakur upset

सागर। याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने कहा है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार आरक्षण के नाम पर सिर्फ वोटों की राजनीति कर रही है और पिछले 5 साल से बेरोजगार युवा चयनित हो जाने के बाद भी रोजगार के लिए भटक रहे हैं. जया ठाकुर ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर जो सुनवाई चल रही है, उसमें मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि आरक्षण की सीमा किसी भी हालत में 50% से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती. 50% की सीमा सिर्फ ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लिए है. इसलिए ईडब्ल्यूएस कैटेगरी को अलग रखा जाए.

युवा बेरोजगार परेशान हैं : याचिकाकर्ता ने कहा कि जहां मध्य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में कहती है कि 50% से ज्यादा रिजर्वेशन नहीं दिया जा सकता है, लेकिन मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में कहती है कि हम 50% से ज्यादा रिजर्वेशन दे सकते हैं. ऐसी स्थिति में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है. क्योंकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो कांग्रेस सरकार ने कुछ ही महीने में 27% आरक्षण लागू कर दिया था, लेकिन सरकार बदल गई और भाजपा सरकार ने आरक्षण पर स्टे ले लिया. आज स्थिति ये है कि कई युवा जिनका नौकरी के लिए चयन हो चुका था, वह सुप्रीम कोर्ट में चल रहे प्रकरण के कारण पिछले 5 साल से ही नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं.

सरकार की मंशा ठीक नहीं : युवाओं का बड़ा तबका सड़कों पर संघर्ष कर रहा है. ऐसी कई युवतियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. वह अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ आंदोलन कर रही हैं. सरकार के इस जवाब से सरकार की मंशा साफ है कि वह सिर्फ और सिर्फ वोटों की राजनीति कर रही है. उसे ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के आरक्षण से कोई लेना देना नहीं है, उसे सिर्फ वोट चाहिए. हमें समझना होगा कि सरकार किस तरह से खेल खेल रही है और पढ़े लखे योग्य और चयनित उम्मीदवारों की नौकरी लगने से रोक रही है.

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यह है याचिका : दरअसल, कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने याचिका लगाई थी कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ सिर्फ सामान्य वर्ग को ना देकर सभी वर्गों में देना चाहिए. इंदिरा साहनी प्रकरण का तर्क रखते हुए उन्होंने कहा था कि जाट आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण का लाभ देने के लिए आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक 3 आधार होते हैं. सामाजिक पिछड़ापन सिर्फ आरक्षण का आधार नहीं हो सकता है, इसीलिए जाट आरक्षण रद्द हो गया था. इसी आधार पर याचिकाकर्ता जया ठाकुर का कहना है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण सभी वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को देना चाहिए. EWS Reservation, Hearing Supreme Court, State government answer, More than 50 percent impossible

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