खाट पर जिंदगीः पिता को तीन किलोमीटर तक खाट पर लेकर चला पुत्र, ये है शिव'राज' !

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Published : Sep 23, 2021, 9:54 AM IST

Updated : Sep 23, 2021, 3:32 PM IST

road of rewa

रीवा से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सोनौरा गांव में सड़क न होने की वजह से पुत्र को पिता को अस्पताल ले जाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ा. पुत्र को कच्ची गलियों में तकरीबन 3 किलोमीटर तक खाट पर लिटाकर लेकर चलना पड़ा.

रीवा। हुजूर तहसील क्षेत्र अंतर्गत सोनौरा गांव (Sonora Village) से प्रशासनिक सिस्टम को शर्मसार करती हुई तस्वीर सामने आई है, जहां एक बेटे को अपने पिता को अस्पताल (Rewa Road issue) पहुंचाने के लिए बड़ी परेशानियों के बीच खाट का सहारा लेना पड़ा. यही नहीं खाट के सहारे बेटा तीन किलोमीटर तक अपने पिता को लेकर अस्पताल पहुंचा.

खाट पर जिंदगीः

खाट पर चल रहा सरकारी सिस्टम
जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर आज प्रशासनिक सिस्टम खाट पर दिखाई दिया है. इस तस्वीर के सामने आने के बाद विकास के दावे खोखले नजर आने लगे हैं. दरअसल, शहर से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सोनौरा गांव में सड़क की समस्या की वजह से एक पुत्र को गांव के कुछ लोगों की सहायता लेकर अपने पिता को अस्पताल पहुंचाने के लिए कच्ची गलियों में तकरीबन 3 किलोमीटर तक खाट का सहारा लेना पड़ा. काफी जद्दोजहद के बाद पिता को अस्पताल पहुंचाया जा सका.

आजादी के बाद से नहीं हुआ सड़क निर्माण
बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत सोनौरा में आजादी के बाद से सड़क का निर्माण (No Roads in Sonora Village) नहीं हुआ है. जिसकी वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गांव के चारों तरफ तीन से चार किलोमीटर के इलाके तक मुख्य सड़क नहीं है. बारिश के दिनों में यहां हालात और बदतर हो जाते हैं. मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए बस खाट का ही एक सहारा रह जाता है.

बरसात के समय में घरों में कैद हो जाते हैं ग्रामीण
ग्राम सोनौरा निवासी रोहित सिंह बघेल का कहना है कि बीते दिनों उनके पिता सड़क हादसे में घायल हो गए थे. हादसे में उनका पैर टूट गया था, जिनका उपचार कराकर वापस घर पर लाया गया. कुछ दिनों बाद डॉक्टरों ने उनका प्लास्टर खोलेने के लिए वापस अस्पताल बुलाया, लेकिन बारिश के कारण घर से मुख्य मार्ग तक पहुंचने का रास्ता काफी उबड़-खाबड़ और कीचड़ से सना हुआ था. पक्की सड़क नहीं होने से वाहन उनके घर तक नहीं पहुंच सका. बाद में उन्होंने आस-पड़ोस की मदद से खाट का सहारा लेकर अस्पताल पहुंचाया.

नेताओं के खोखले वादे (Fake Promises of Leader)
पीड़ित का कहना है कि आजादी के बाद से अब तक गांव की इस कच्ची सड़क का निर्माण नहीं हो सका. सोनौरा गांव में तकरीबन 100 परिवार निवास करते हैं. बारिश के दिनों में ग्रामीणों का घर से निकलना काफी जोखिम भरा काम होता है. अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे इसी तरह से खाट पर लिटाकर मुख्य मार्ग तक ले जाया जाता है. रोहित सिंह बघेल ने बताया कि पूर्व मंत्री व वर्तमान भाजपा विधायक राजेन्द्र शुक्ला (BJP Leader Rajendra Shukla) जनवरी माह में ग्राम सोनौरा पहुंचे थे. उन्होंने सड़क के निर्माण करने का आश्वासन भी दिया, लेकिन उनके द्वारा दिया गया आश्वासन भी खोखला साबित हुआ. इसके पहले भी चनाव के समय वोट मांगने नेता गांव पहुंचे और सड़क निर्माण कराने का सपना दिखाया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी है.

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बता दें सड़क के बदहाली की यह तस्वीर रीवा जिले की मात्र सोनौरा गांव की नहीं है, बल्कि जिले के अधिकांश गांव ऐसे ही हैं. जहां बारिश के दिनों में ग्रामीणों का मुख्य सड़क से संपर्क टूट जाता है तथा परेशानियों के बीच लोगों को अपना गुजर-बसर करना पड़ता है. सोनौरा गांव में ग्रामीणों के द्वारा कई बार सड़क निर्माण को लेकर कई बार शिकायत की गई. मगर उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो सका, जिसकी वजह से उन्हें हमेशा ही इस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

Last Updated :Sep 23, 2021, 3:32 PM IST
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