नीमच में अदालत ने डेढ़ साल बाद भाजपा नेताओं को भेजा जेल, पुलिस नहीं कर रही थी गिरफ्तार, जाने क्या है मामला

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Published : Jan 9, 2023, 5:16 PM IST

neemuch court sent bjp leaders to jail

सत्ता और राजनीतिक रसूख के चलते जिन भाजपा नेताओं को नीमच पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी थी. उन्हें डेढ़ साल बाद अदालत ने कांग्रेस नेता के साथ मारपीट और अपहरण करने के आरोप में सलाखों के पीछे भेज दिया. इन भाजपा नेताओं ने अदालत में अपनी बेल अप्लीकेशन लगाई थी, जिसे अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दिया. (Neemuch court sent bjp leaders to jail)

नीमच। सत्ता के मद और रसूख के बल पर मनासा में भाजपा नेताओं ने जमकर दादागिरी की. एक कांग्रेस नेता का अपहरण कर गंभीर रूप से मारपीट की. साक्ष्य और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने प्रकरण तो दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया. इस बीच आरोपी ने पंचायत चुनाव में अपनी पत्नी का चुनाव प्रचार भी खूब किया. जिला पंचायत चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी फोटो खिंचवाए. फिर भी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया. घटना के डेढ़ साल बीतने बाद जब आरोपियों ने जमानत के लिए न्यायालय में याचिका लगाई तो न्यायालय ने आरोपियों को जेल भेज दिया. इससे यह बात तो साबित हो गई प्रशासन सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में काम कर रहा है. (Police was not arresting bjp leaders)

कानून का राज खत्म, गुंडाराज कायमः जिले के मनासा थाना का ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिससे यह साबित हो गया है कि प्रदेश में कानून का राज खत्म करने का काम पुलिस कर रही है. गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस आईटी सेल के सचिव व पार्षद पति दिनेश राठौर का 23 जून 2021 को जनपद कार्यालय मनासा परिसर से भाजपा नेताओं ने अपहरण कर लिया था. उसे नीमच रोड स्थित शासकीय काॅलेज के पीछे ले जाकर लात, घुसों व लकड़ियों से बुरी तरह मारपीट की थी. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया। तथ्य बता रहे हैं कि पुलिस ने आरोपियों को फरार घोषित कर दिया, लेकिन गिरफ्तार नहीं किया. (Rule of law is over rule of hooliganism remains)

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कोर्ट ने मामले की गंभीरता पर किया गौर, भेजा जेलः सत्ता के रसूख से आरोपियों को डेढ़ वर्ष से पुलिस संरक्षण देती रही. अपराध का समय अधिक होने से विवश होकर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार तो नहीं किया, सरेंडर होने का आग्रह किया. नेताओं ने सरेंडर किया, लेकिन कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को संज्ञान में लिया और आरोपियों की ओर से पेश बेल एप्लीकेशन को न्यायालय ने खारिज कर दिया. नतीजतन, गुंडागर्दी करने के आरोपी नेताओं को जेल की हवा खानी पड़ गई है. (Court took note of seriousness matter sent to jail) (Police did not show courage to arrest)

पुलिस ने नहीं दिखाई गिरफ्तार करने की हिम्मतः अपराध करने के बाद आरोपी खुलेआम घूमते रहे. मित्र स्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान धापूबाई-श्यामलाल वसीटा निवासी अल्हेड़ द्वारा जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ा गया. धापू बाई के नामांकन दाखिल करने से लेकर चुनाव प्रचार तक में उनके पति और आरोपी श्यामलाल ने वार्ड का भ्रमण किया. सोशल मीडिया पर भी छाए रहे. धापू बाई के चुनाव जीतने के बाद बहुत बड़े सियासी ड्रामे का हिस्सा भी श्यामलाल रहे. इसी कारण विधायक माधव मारू और यहां तक कि भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी फोटो में नजर आए. उनकी सत्ता की हनक और रसूख के चलते पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं दिखाई. (Police did not show courage to arrest)

इन्हें न्यायालय ने भेजा जेलः कांग्रेस नेता दिनेश राठौर का अपहरण कर मारपीट करने वाले 5 आरोपियों की मनासा न्यायालय ने जमानत याचिका खारिज कर जिला जेल कनावटी भेज दिया है. जेल भेजे गए 3 आरोपी भाजपा पदाधिकारी होने के साथ ही मनासा की राजनीति में खास रसूख रखते हैं. जिनमें आरोपी श्यामलाल पुत्र नानुराम वसीटा जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि, देवराज उर्फ कैलाश गुर्जर उप सरपंच ग्राम पंचायत अल्हेड, महावीर पुत्जर गदीश वीरवाल भाजपा में मंडल महामंत्री हैं. दो अन्य आरोपी जसपाल पुत्र कन्हैयालाल गुर्जर एवं सत्यनारायण पिता बगदीराम धनगर को भी जेल भेजा गया. पांचों आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 365, 504, 506, 325 और 323 में मुकदमा दर्ज किया जाकर न्यायालय के विचारण में है. (The court sent them to jail)

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