मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में खाद की किल्लत से किसान पिछले एक महीने से परेशान हो रहा हैं. सबलगढ़ से लेकर पोरसा तक खाद लेने के लिए महिलाओं को भी सुबह से कतार में लगना पड़ रहा है. हर रोज अम्बाह पोरसा मुरैना, जौरा, कैलारस, सबलगढ़ में तकरीबन 1000 से अधिक महिला-पुरुष मुरैना कृषि उपज मंडी में आधी रात से आकर लाइनों में खड़े हो जाते हैं. लेकिन देर शाम तक उन्हें खाद नहीं मिल रही. Morena Fertilizer Crisis
केंद्रीय मंत्री का दावा, खाद की कमी नहीं: वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का दावा है कि जिले में खाद पर्याप्त मात्रा में है. मुरैना के अलावा पूरे देश में खाद की कोई कमी नहीं है. हो सकता है व्यवस्था में कोई कमी हो, उसके लिए भी अधिकारियों से कहकर जल्दी सुधार कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिले भर में खाद के और भी काउंटर खोलने के लिए कलेक्टर और कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे. किसानों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आएगी, उन्हें खाद पर्याप्त मात्रा में दी जाएगी.
लंबी लाइनें खोल रहीं दावों की पोल: हालांकि सोसाइटी पर लगी लंबा लाइनें इन सभी दावों की पोल खोल रही हैं. खाद लेने के लिए लगी लंबी लंबी लाइन बता रही है कि जिले में खाद पर्याप्त मात्रा में नहीं है. जिले में यह स्थिति बनी हुई है तो मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में क्या स्थिति होगी. इस तरह के कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि केंद्रीय मंत्री के दिशा निर्देश अधिकारियों पर कितना काम करेंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
किसान नेताओं ने दी आंदोलन की चेतावनी: जिलेभर में यूरिया डीएपी की भारी किल्लत है. महिलाएं और बच्चे सुबह से ही लंबी लंबी लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. अगर उन्हें टोकन मिल जाते हैं तो खाद 2 दिन बाद या 3 दिन बाद मिल रहा है. इधर जौरा कस्बे की सोसाइटी पर भी दो दिन से महिलाएं लगातार खाद के लिए संघर्ष कर रही हैं. वहीं सबलगढ़ में खाद की किल्लत को लेकर किसान नेताओं ने आंदोलन करने की चेतावनी भी अधिकारियों को दे डाली है.
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