Khandwa Court Decision रेप कर मासूम की हत्या करने वाले युवक को 9 साल बाद मृत्यूदंड

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Published : Aug 31, 2022, 8:07 AM IST

Updated : Aug 31, 2022, 8:45 AM IST

Khandwa Court Decision

खंडवा जिले के सुरगांव जोशी में नौ साल पहले नाबालिग का रेप कर हत्या करने वाले आरोपी को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोबारा विचार करने के कहने के बाद भी कोर्ट ने आरोपी की सजा को यथावत ही रखा. कोर्ट ने कहा ऐसे आरोपी को मृत्युदंड देना आवश्यक है.Khandwa Court Decision,

खंडवा। जिले के सुरगांव जाेशी में दुष्कर्म कर मासुम बाच्ची की हत्या करने के मामले में दोष सिद्ध हुआ. जिस पर विशेष न्यायालय पॉक्सो अधिनियम न्यायाधीश प्राची पटेल ने आरोपित युवक अनोखीलाल को मृत्यूदंड दिया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिर से सुनवाई हुई. वर्ष 2013 में दुष्कर्म करने के बाद अनोखी ने बालिका की हत्या कर उसके शव को खेत की मेढ़ पर पटक दिया था.

आरोपी को हुई सजा

दोबारा विचार के बाद भी दिया गया मृत्युदंड
जिला अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने बताया कि सुरगांव जोशी में 30 जनवरी 2013 को नौ वर्षीय बालिका के साथ आरोपित 21 वर्षीय अनोखीलाल ने दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी. इस मामले में कोर्ट में चालान डायरी पेश होने के एक माह बाद ही आरोपित आनोखीलाल को चार मार्च 2013 को जिला एवं सत्र न्यायालय ने फांसी की सजा दी थी. इस फैसले को अनोखीलाल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. यहां भी हाईकोर्ट ने फैसले को बरकरार रखते हुए उसे फांसी की सजा दी थी. इसके बाद अनाेखीलाल ने देश के सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को पुन: विचारण करने के लिए आदेश दिया था. मामले को जिला एवं सत्र न्यायालय में स्थानांतरित करता था. इस मामले में सुनवाई विशेष न्यायालय पॉक्सो अधिनियम न्यायाधीश प्राची पटेल ने सुनवाई की. बचाव पक्ष की ओर से अभियोजन पक्ष के नौ साक्षियों को तलब किया गया था. विचारण पूर्ण होने पर आरोपी अनोखीलाल को मृत्यूदंड की सजा दी गई.

खेत की मेढ़ पर मिला था बालिका का शव

एक फरवरी 2013 को थाना छैगांवमाखन अंतर्गत ग्राम सुरगांव जोशी में नौ वर्षीय बच्ची का शव गांव में स्थित रघुनाथ के खेत की मेढ़ पर पड़ा मिला था. बालिका के शव परिक्षण में चिकित्सक द्वारा बलात्कार किये जाने की पुष्टि की थी. इसके बाद पुलिस ने आरोपी अनोखीलाल को गिरफ्तार कर डीएनए जांच करवाई थी. इस जांच में यह पुष्टी हुई थी कि अनोखीलाल द्वारा बलात्कार किया गया है.

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फैसला देते हुए न्यायालय ने की टिप्पणी

न्यायालय द्वारा निर्णय पारित करते हुए टिप्पणी की गई की इस प्रकृति के अपराधों के संबंध में समग्र समाज के आक्रोश और भावनाओं व बालमन पर पड़ने वाले प्रभाव को विचार में रखते हुए विधायिका द्वारा भी नवीन दण्ड विधि संशोधन अध्यादेश 2013 को तीन फरवरी 2013 से प्रभावी में भी लैंगिक अपराधों में पूर्व दोषसिद्ध व्यक्ति को मृत्युदण्ड दिये जा सके पर किया गया. प्रावधान भी यहीं दर्शित करता है कि इस प्रकृति के अपराधों की पुनरावृत्ति गंभीर होकर विरल से विरलतम श्रेणी की मानी जानी चाहिए. मात्र इस आधार पर कि घटना के समय आरोपी मात्र 21 वर्षीय युवक था और वर्तमान में उसकी आयु लगभग 31 वर्ष है. आरोपी के प्रति दयापूर्वक विचार किया जाना उचित नहीं होगा. न्यायालय द्वारा मामले को विरल से विरलतम श्रेणी का माना जाकर आरोपित की पूर्व दोषसिद्धि को देखते हुए मात्र आजीवन कारावास का दंड दिया जाना पर्याप्त नहीं माना गया और मृत्यूदंड दिया जाना आवश्यक माना गया.

Last Updated :Aug 31, 2022, 8:45 AM IST
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