जबलपुर। शहर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज (Netaji Subhash Chandra Bose Medical college) में किडनी का सफल ट्रांसप्लांट किया गया है. इस तरह डॉक्टरों ने मरीजों की इलाज सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम ओर आगे बढ़ा दिया है. रविवार को पहला सफल किडनी प्रत्यारोपण (kidney transplant) मेडिकल कॉलेज में किया गया, इस ऐतिहासिक दिन के लिए विभाग बीते कई दिनों से तैयारी कर रहा था.
मुश्किलों को पार कर किया सफल ऑपरेशन
बीते महीने शासन की अनुमति प्राप्त होने के बाद नेफ्रोलॉजी एवं यूरोलॉजी विभाग (Department of Nephrology and Urology) किडनी प्रत्यारोपण की तैयारी में जुट गया था. इस दौरान बीच मे कई चुनौतियां भी आई, पर मेडिकल कॉलेज की टीम ने सबको पार किया, और मेहनत करने में लगातार जुटी रही, नतीजन जब ऑपरेशन हुआ तो वह पूरी तरह से सफल रहा.
पहला प्रत्यारोपण था जटिल
दो धमनी होने के कारण मरीज को पहले भी कई ऐसे प्राइवेट सेक्टरों के अस्पतालों में दिखाया गया जहां से उन्हें मना कर दिया था. किडनी ट्रांसप्लांट के बाद भी किडनी काम न करने की संभावना जताई गई थी. इस बीच इस प्रत्यारोपण को मेडिकल के चिकित्सकों ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया.
पिता ने पुत्र को दिया नया जीवन
किडनी प्रत्यारोपण में मरीज के पिता ने अपने पुत्र को किडनी दान कर उसे पुनः नया जीवन दिया है. इस प्रत्यारोपण में मरीज एवं डोनर (पिता) की स्थित पूर्व अनुमान के मुताबिक तेजी से सुधर रही है. उन्हें अगले 6 से 7 दिनों में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. यह दिन जबलपुर वासियों के लिए उपलब्धि पूर्ण दिन है. अब किडनी की किसी भी बीमारी के लिए उन्हें जबलपुर के बाहर नहीं जाना पड़ेगा.
निशुल्क होगा प्रत्यारोपण
गरीबों के लिए यह अत्यंत ही शुभ समाचार है. मेडिकल में आयुष्मान योजना में किडनी प्रत्यारोपण पूर्णता निशुल्क किया जाएगा. इस उपलब्धि में डीन डॉ प्रदीप कसार का भी योगदान रहा. उन्होंने प्रत्यारोपण के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर जरूरी अनुमति लेने में विशेष योगदान दिया. जरूरी सामान और दवाएं भी कम समय में उपलब्ध कराई. विशेषकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ विश्वास सारंग की विशेष रूचि ने टीम का मनोबल हमेशा ऊंचा रखा और निरंतर कार्य प्रगतिशील के लिए प्रेरित किया.
संकटमोचक बने ये डॉक्टर
किडनी रोग विभाग के डॉक्टर अश्वनी पाठक, डॉ नीरज जैन और डॉ तुषार ने सभी जरूरी परीक्षण कर मरीज और डोनर तैयार कर सभी टीम के साथ समन्वय स्थापित किया. यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. फणीन्द्र सोलंकी ने सर्जरी का नेतृत्व किया. उनकी टीम में डॉक्टर अर्पण, डॉक्टर अविनाश, डॉक्टर प्रशांत और डॉक्टर अनुराग का सहयोग रह. ,निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ अपर्णा, डॉ मीना, डॉक्टर कमल और डॉक्टर अनिवेश का भी खास योगदान रहा. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ वाई.आर यादव ने विशेष इंतजाम औक जरूरतों को पूर्ण कर अनुकरणीय योगदान दिया.
MP के सरकारी अस्पताल में पहली बार किडनी का सफल ट्रांसप्लांट, डोनर-मरीज दोनों स्वस्थ
इससे पहले भोपाल में हुआ सफल किडनी ट्रांसप्लांट
इससे पहले प्रदेश राजधानी के हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) किया गया था. यहां ट्रांसप्लांट (transplant) कराने वाले मरीज (Patient) और डोनर (Donor) दोनों स्वस्थ हैं, जिनसे मिलने खुद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) पहुंचे. मंत्री ने उस दौरान कहा कि पहली बार हमने किसी सरकारी अस्पताल (Government hospital) में किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) किया है. जिसके बाद मंत्री ने डॉक्टरों (Doctors) की टीम को सफल प्रत्यारोपण पर बधाई दी. इस दौरान सारंग ने यहां दो और ओटी की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही अन्य वार्डो का भी निरीक्षण किया.