MP High Court : महिला व बाल विकास विभाग ने टेंडर नियमों का नहीं किया पालन, राज्य सरकार को आदेश- याचिकाकर्ता को दो 25 हजार रुपये

MP High Court : महिला व बाल विकास विभाग ने टेंडर नियमों का नहीं किया पालन, राज्य सरकार को आदेश- याचिकाकर्ता को दो 25 हजार रुपये
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि नई गाइडलाइन के अनुसार टेंडर जारी करें. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि याचिकाकर्ता को 25 हजार रुपये दें. सरकार चाहे तो ये राशि विभाग के जिम्मेदार अफसर से वसूल सकते हैं.
जबलपुर। मध्यप्रदेश सरकार के महिला व बाल विकास विभाग द्वारा पुरानी गाइडलाइन की शर्तों के अनुसार टेंडर जारी किए गए. सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन टेंडर में नहीं अपनाए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. नई गाइडलाइन टेंडर जारी होने के बाद बनी. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने सरकार को नई गाडइलाइन के अनुसार टेंडर का विज्ञापन जारी करने निर्देश दिये हैं.
पोषण आहार सप्लाई का मामला : एकलपीठ ने याचिकाकर्ता महिला स्वयं सहायता समूह को 25 हजार रुपये प्रदान करने के आदेश राज्य सरकार को दिये हैं. मां जानकी स्वयं सहायता समूह की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि मार्च 2021 में सागर जिले में पूरक पोषण आहार की सप्लाई के लिए महिला एव बाल विकास विभाग द्वारा विज्ञापन जारी किये गये थे. विज्ञापन में निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार शर्तें निर्धारित की गयी थीं. याचिका समूह ने भी टेंडर के लिए आवेदन किया था.
टेंडर प्रक्रिया के दौरान नयी गाइडलाइन : याचिका में बताया गया कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान सरकार द्वारा नयी गाइडलाइन निर्धारित कर दी गयी. याचिका में कहा गया कि टेंडर में नयी गाइडलाइन की शर्तें लागू कर दी गईं. शर्तों में संशोधन के संबंध में संशोधित विज्ञापन का भी प्रकाशन नहीं किया गया. याचिका पर पूर्व में सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. एकलपीठ ने अपने आदेश मे कहा है कि याचिका के खर्च के रूप में राज्य सरकार याचिकाकर्ता को 25 हजार रुपये 30 दिनों में प्रदान करे. यह राशि राज्य सरकार दोषी अधिकारियों से वसूल सकती है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता धर्मेन्द्र सोनी ने पैरवी की.
