जबलपुर। हाईकोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग को रोकने के लिए सख्ती करने को कहा है. हाई कोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने अपने आदेश कहा है कि इन खतरनाक खेलों को बंद किया जाना चाहिए. सिंगरौली के सनत कुमार जैसवाल ने हाईकोई में जमानत के लिए याचिका प्रस्तुत की थी. याचिकाकर्ता पर आरोप था कि उसने अपने नाना के खाते से 8 लाख 51 हजार रुपये निकालकर आईपीएल सट्टे में बर्बाद कर दिये.
सरकार ने हलफनामा पेश किया था : याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मुददे को संज्ञान में लिया था. याचिका की सुनवाई के दौरान अस्सिटेंट सॉलिसिटर जनरल ने एकलपीठ को बताया था कि जुआ व सट्टा राज्य सरकार का विषय है. सरकार की तरफ से हफलनामा पेश करते हुए बताया गया कि केन्द्र सरकार ने इस संबंध में सभी प्रदेश के गृह सचिव के साथ 21 जुलाई 2022 को बैठक की थी. वर्तमान में यह मामला इंटर स्टेट एडवाइजरी कमेटी के पास है. इस संबंध में कार्रवाई के संबंध में एडवाईजरी कमेटी निर्णय लेगी.
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राज्य सरकार का आग्रह ठुकराया : हाई कोर्ट से प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग व बेटिंग पर नियम बनाने के लिए 6 माह का समय प्रदान करने का आग्रह किया. अस्सिटेंट सॉलिसिटर जनरल की तरफ से बताया गया कि केन्द्रीय गृह मंत्री इस संबंध में विधेयक जारी करने वाले हैं. एकलपीठ ने अपने आदेश में रजिस्ट्रार जनरल को निर्देशित किया है कि सॉफ्टवेयर में ऐसा संशोधन किया जाये कि हाईकोर्ट में दाखिल होने वाले दस्तावेज के फायलिंग नम्बर के साथ उसके दाखिल करने का तारीख व समय भी हो. एकलपीठ ने इसके लिए तीन कार्य दिवस का समय प्रदान किया है. याचिका पर अगली सुनवाई 30 नवम्बर को निर्धारित की गयी है. सरकार की तरफ से अधिवक्ता जीपी सिंह उपस्थित हुए. High Court strict online game, Stop online gaming, Direction to State government, Take action in three months