Bageshwar Dham कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में उतरी किन्नर समाज की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी

Bageshwar Dham कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में उतरी किन्नर समाज की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर उपजा विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब किन्नर समाज भी खुलकर उनके समर्थन में सामने आ गया है. किन्नर समाज की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने जबलपुर में बागेश्वर धाम का खुला समर्थन करते हुए कहा कि वे सनातन धर्म के लिए काम कर रहे हैं. और ऐसे में किन्नर समाज बागेश्वर धाम के लिए तन, मन,धन से समर्पित है और पूर्ण सहयोग देते हुए हर तरह से निपटने के लिए तैयार है.
जबलपुर। किन्नर समाज की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री का पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं. हमारा पूरा किन्नर समाज भी उनके साथ है. उन्होंने जो अपील की है कि पूरे भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना है, उसके लिए में अपना पूरा तन, मन, धन उन पर न्यौछावर करती हूं और उनके साथ हूं. उन्होंने कहा कि जो लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर झूठ और पाखंड के सवाल के सवाल उठा रहे हैं, वह संत और सनातनियों पर सवाल उठा रहे हैं. इसलिए पहले उन्हें अपने गिरेबां में झांककर देख लेना चाहिए कि आप किस पर उंगली उठा रहे हैं.
पूरा किन्नर समाज साथ है : उन्होंने कहा कि अगर आप सनातन धर्म के धर्मचार्यों को पाखंड कहते हैं तो आप जान लें कि कैथलिक और क्रिश्चियन धर्म के अंदर में क्या-क्या पाखंड हो रहे हैं. पहले उस पर विचार करें. हमारे सनातन धर्म में कभी पाखंड नहीं होता. शक्तियां इस पृथ्वी पर हैं. संतों के माध्यम से शक्तियां समाज का कल्याण करती हैं. इसलिए आज हम उन शक्तियों के माध्यम से घोषणा और शंखनाद करते हैं कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए अगर हमें जान भी देना पड़े तो भी हम तैयार हैं. इसलिए आज हम बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना पुत्र मानते हुए यह घोषणा करते हैं. आज हमारा पूरा किन्नर समाज हाथ से हाथ और कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है.
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क्या था विवाद : बता दें कि नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन नाम की एक संस्था ने कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास और जादू-टोना फैलाने का आरोप लगाया था. समिति का कहना था कि दिव्य दरबार और प्रेत दरबार लगाकर धीरेंद्र शास्त्री ‘जादू टोना’ करते हैं. इसके अलावा समिति का ये भी आरोप था कि उनके दरबार में देव धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने के साथसाथ उनके साथ धोखाधड़ी भी होती है और शोषण भी किया जाता है. समिति ने इस सिलसिले में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. दरअसल, विवाद की शुरूआत उस दौरान हुई जब कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की नागपुर में आयोजित हुई श्रीराम कथा 13 जनवरी की जगह 11 जनवरी को ही खत्म हो गई थी.
