MP High Court : SC से याचिका खारिज होने के बाद HC में लगा दी, जबलपुर नगर निगम पर 50 हजार जुर्माना

author img

By

Published : Jul 22, 2022, 12:20 PM IST

Fine on Jabalpur Municipal Corporation

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम जबलपुर के उस रवैये पर नाराजगी जाहिर की है, जिसमें एक ही मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से अपील खारिज होने के बाद पुनः हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. कोर्ट ने इसके लिए नगर निगम पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. (Dismissal of petition in SC imposed HC) (Fine on Jabalpur Municipal Corporation)

जबलपुर। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने जबलपुर नगर निगम प्रशासन पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि बार - बार एक ही विषय पर बेतुकी याचिका दायर करना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है. कोर्ट ने इसके लिए नगर निगम पर 50 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई. साथ ही नगर निगम की पुनरीक्षण याचिका भी खारिज कर दी.

पुनरीक्षण याचिका दायर की थी : नगर निगम जबलपुर की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका में कहा गया कि 2016 में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने दैवेभो कर्मी केदारनाथ सिंह मंदेले के नियमितीकरण के आदेश दिए. इसके खिलाफ निगम की अपील युगलपीठ ने 9 अगस्त 2016 को खारिज कर दी. इसी आदेश का पुनरीक्षण करने का याचिका में आग्रह किया गया. सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि इसके पूर्व नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले पर दो साल के विलम्ब से अपील दायर की थी. वह अपील 13 जून 2019 को खारिज हो गई थी.

MP High Court: भाजपा विधायक जालम सिंह की बढ़ सकती है मुसीबत, बेटे मोनू सहित एक अन्य के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर

स्पष्टीकरण के लिए अर्जी लगाई : इसके बाद निगम ने एकलपीठ के आदेश के स्पष्टीकरण के लिए अर्जी लगाई थी. वह भी 24 जून 2022 को खारिज कर दी गई. इसके बाद निगम की ओर से डिवीजन बेंच के आदेश के खिलाफ यह पुनरीक्षण याचिका दायर कर दी. इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि यह समझ से परे है कि सुप्रीम कोर्ट से अपील निरस्त होने के बाद भी नगर निगम फिर से पूर्व आदेश के स्पष्टीकरण के लिए याचिका कैसे दायर कर सकती है. यह पूरी तरह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है. (Dismissal of petition in SC imposed HC) (Fine on Jabalpur Municipal Corporation)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.