पूर्व विधायक पर हाईकोर्ट ने लगाया पचास हजार का जुर्माना, बीजेपी विधायक जजपाल सिंह को मिलेगी राशि

पूर्व विधायक पर हाईकोर्ट ने लगाया पचास हजार का जुर्माना, बीजेपी विधायक जजपाल सिंह को मिलेगी राशि
Fine on Former MLA: पूर्व विधायक और याचिकाकर्ता लड्डूराम कोरी ने 2018 में जजपाल सिंह जज्जी से चुनाव हारने के बाद उनके खिलाफ हाईकोर्ट में चुनावी याचिका दायर की थी.यह याचिका पिछले 5 साल से चल रही थी.जिसे हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए उन पर पचास हजार का जुर्माना लगाया और यह राशि प्रतिवादी यानि जजपाल सिंह को देने का आदेश दिया.
ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ से पूर्व विधायक और याचिकाकर्ता लड्डूराम कोरी को तगड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए उन पर पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. पूर्व विधायक लड्डूराम कोरी ने अशोक नगर से वर्तमान विधायक जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ जाति प्रमाण पत्र और आपराधिक मुकदमे को लेकर चुनावी याचिका दायर की थी.
क्या था मामला: लड्डूराम कोरी ने 2018 में जजपाल सिंह जज्जी से चुनाव हारने के बाद उनके खिलाफ हाईकोर्ट में चुनावी याचिका दायर की थी.यह याचिका पिछले 5 साल से चल रही थी.इस याचिका में लड्डूराम ने 2018 के चुनाव में जज्जी पर लोकायुक्त में चल रहे प्रकरण के बारे में जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया था. 2017 में लोकायुक्त पुलिस ने जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ मामला दर्ज किया था लेकिन न तो इसके बारे में लोकायुक्त पुलिस ने हाईकोर्ट में कोई चालान पेश किया न ही उन्हें अपनी सफाई या बयान के लिए बुलाया..इसलिए इस तथ्य को भी हाईकोर्ट ने स्वीकार नहीं किया और याचिकाकर्ता के खिलाफ जुर्माना लगाया.
कोर्ट की टिप्पणी: हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि याचिकाकर्ता लड्डूराम कोरी ने तथ्यहीन पिटीशन पेश करके प्रतिवादी और कोर्ट का कीमती समय नष्ट किया है. यह पिटीशन पिछले 5 सालों से चल रही थी. कोर्ट ने माना कि प्रतिवादी यानि विधायक जजपाल सिंह जज्जी एक जनप्रतिनिधि होने के चलते लोगों की सेवा करने के बजाय न्यायालय के चक्कर लगाते रहे. इसलिए जुर्माने की राशि उन्हें दी जाए. खास बात यह है कि स्क्रूटनी कमिटी की रिपोर्ट को हाईकोर्ट पहले ही स्वीकार कर चुका है और उसने विधायक जजपाल सिंह के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को सही पाया है. इसे लड्डूराम कोरी ने एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी स्क्रूटनी कमेटी के आदेश को सही बताया.
मधुराम सैंडविच के नाम को लेकर विवाद: मधुराम स्वीट्स और मधुराम सैंडविच के संचालकों के बीच विवाद सामने आया है.गुरुवार को कुछ एडवोकेट रोहिणी कोर्ट दिल्ली का एक ऑर्डर लेकर मधुराम सैंडविच की दुकान को बंद करवाने के लिए पहुंचे लेकिन इसी दौरान मधुराम सैंडविच के संचालकों ने कोर्ट के ऑर्डर को लेकर कई तरह की आपत्ति दर्ज करवाई इसको लेकर उन्होंने अपने एडवोकेट के माध्यम से कई तरह के तर्क भी दिए. उनका कहना था कि ऑर्डर पर कई तरह की बातों का जिक्र है साथ ही जिस तरह से साइन है वह साइन भी संदिग्ध लग रहे हैं अब इस पूरे मामले को लेकर वह कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कर रहे हैं. पुलिस थाने के साथ ही विभिन्न जगहों पर शिकायत करने की बात भी कही जा रही है. फिलहाल दिल्ली से आए एडवोकेट और मधुराम सैंडविच के संचालकों के बीच काफी गहमा गहमी इस दौरान बनी रही.
ट्रेडमार्क को लेकर आपत्ति: मधुराम सैंडविच के संचालकों ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर यह जानकारी दी कि उन्होंने मधुराम सैंडविच के कॉपीराइट और ट्रेडमार्क को लेकर एक एप्लीकेशन संबंधित विभाग में लगाई हुई है और जल्द ही उसका निराकरण हो जाएगा. इंदौर के मधुराम स्वीट्स लगातार हमारे ट्रेडमार्क और हमारे नाम को लेकर आपत्ति दर्ज करवाते रहे हैं.
