छिंदवाड़ा। शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा ट्राइबल क्षेत्र के जुन्नारदेव और हर्रई विकासखंड के स्कूल हैं, जहां पर शून्य शिक्षकीय शाला ज्यादा हैं. इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि इन स्कूलों में अतिथि या फिर पड़ोसी शालाओं के शिक्षकों को भेजकर पढ़ाई कराई जा रही है. हालांकि ये तरीका शिक्षा विभाग की व्यवस्था पर सवालिया निशान हैं. छिंदवाड़ा, चौरई, परासिया, मोहखेड़, सौंसर विकासखंडों में एक भी स्कूल ऐसा नहीं है, जहां पर शून्य शिक्षकीय शाला हैं. इन विकासखंडों के स्कूलों में कम से कम एक शिक्षक पदस्थ है. दूसरी ओर हरई विकासखंड के 63, जुन्नारदेव विकासखंड के 83, तामिया में 43 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं हैं.
आदिवासी क्षेत्रों में हालात ज्यादा खराब : ट्राइबल विकासखंड होने के कारण गांवों में शिक्षक पदस्थ नहीं होते हैं. इसके अलावा अमरवाड़ा, बिछुआ के तीन-तीन और पांढुर्ना विकासखंड की सिर्फ एक शून्य शिक्षकीय शाला है. कई स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. इसके लिए नजदीक के शासकीय स्कूल के शिक्षक को शून्य शिक्षकीय शाला का प्रभार सौंप दिया जाता है, लेकिन इस पूरी अव्यवस्था के कारण बच्चों की पढ़ाई जरूर प्रभावित होती है.
ये हैं जिले के स्कूलों के हालात :
1. जिले में सहायक शिक्षक या वर्ग तीन (एलडीटी/ पीएसटी) के शिक्षकों के कुल 3 हजार 360 पद स्वीकृत हैं, जिसके एवज में 3 हजार 902 शिक्षक पदस्थ हैं. यानी 542 शिक्षक ज्यादा पदस्थ हैं. इसके बावजूद इन शिक्षकों को माध्यमिक शाला में पढ़ाने की जिम्मेदारी दे दी गई है.
2. जिले में उच्च श्रेणी या माध्यमिक शाला शिक्षक के कुल 2 हजार 967 पद स्वीकृत हैं, जबकि जिले में 1 हजार 329 शिक्षक ही पदस्थ हैं. ऐसे में 1 हजार 638 शिक्षकों के पद रिक्त होने पर प्राथमिक शाला के शिक्षकों को कुछ माध्यमिक शाला की जिम्मेदारी सौंप दी गई है.
फैक्ट फाइल
शिक्षकीय संवर्ग के ऐसे हाल
स्वीकृत - 9005
कार्यरत - 6436
रिक्त- 2569
शून्य शिक्षकीय शालाओं के हाल
कुल विकासखंड - 11
प्राइमरी स्कूल - 69
माध्यमिक शाला- 127
कुल- 196
एक शिक्षकीय शाला
कुल विकासखंड- 11
प्राथमिक- 269
माध्यमिक- 159
कुल -428
जिम्मेदार अधिकारी का ये बयान : ट्राइबल विभाग के सहायक संचालक उमेश सतानकर का कहना है कि जिन स्कूलों में शिक्षक पदस्थ नहीं हैं, वहां पर शिक्षकों को प्रभार देने के अलावा अतिथि शिक्षकों के जरिए नियमित पढ़ाई कराई जा रही है. शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए भोपाल पत्र लिखा गया है. जिन विकासखंडों में अतिशेष शिक्षक हैं, उन्हें काउंसलिंग के माध्यम से शिक्षकविहीन शालाओं में पदस्थ किया जाएगा.