MP सीहोर में बन रहा है अत्याधुनिक तकनीक से लैस मौसम अनुसंधान केंद्र

MP सीहोर में बन रहा है अत्याधुनिक तकनीक से लैस मौसम अनुसंधान केंद्र
मध्यप्रदेश के सीहोर में अत्याधनिक तकनीक से लैस मौसम विज्ञान केंद्र कुछ दिनों बाद तैयार हो जाएगा. पुणे की IITM के सहयोग से इस परियोजना को आकार दिया जा रहा है. इस केंद्र के शुरू होने के बाद बारिश के साथ ही हर मौसम का सटीक अनुमान जारी किया जा सकेगा.
भोपाल। मानसून का अध्ययन करने और उष्णकटिबंधीय बादलों का अध्ययन करके बेहतर मौसमी पूर्वानुमान जानने के लिए मध्य प्रदेश में एक "सुपर साइट" पर एक नई मानसून अनुसंधान सुविधा का अनावरण होने जा रहा है. एटमॉस्फेरिक रिसर्च टेस्टबेड-सेंट्रल इंडिया (एआरटी-सीआई) पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) की ये परियोजना मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के सिलखेड़ा में 100 एकड़ के परिसर में आकार ले रही है.
साइट पर 30 यंत्र लगेंगे : टेस्टबेड एक अद्वितीय स्थान पर आधारित है, जो मानसून कोर जोन के अंतर्गत आता है. हमें मानसून की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के मौके पर बताया कि हमें एक महत्वपूर्ण स्थान पर सभी बड़े ऑपरेशन करने की जरूरत है. इस साइट पर कम से कम 30 यंत्र और कई सेंसर स्थापित किए जाने हैं, जो औद्योगिक गतिविधि और शहर की गतिविधियों से दूर स्थित हैं. इस परियोजना पर काम तेज गति से चल रहा है.
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वर्षा के साथ ही हर मौसम का हाल : "एआरटी-सीआई उन सुपर साइट में से एक है जो न केवल मानसून की वर्षा को मापेगा, बल्कि हमें सापेक्षिक आर्द्रता, तरल पानी की मात्रा, बादल के गुण, बारिश की बूंदों के आकार के ऊर्ध्वाधर प्रोफाइल जैसे बुनियादी पैरामीटर भी देगा. वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं. सी-बैंड डुअल पोलराइजेशन रडार, के-बैंड रडार, माइक्रो-रेन रडार, मेट टावर, माइक्रोवेव रेडियोमीटर, सीलोमीटर, डिसड्रोमीटर, सीसीएन काउंटर, एथेलोमीटर जैसे उपकरण पहले ही साइट पर स्थापित किए जा चुके हैं. एक विंड प्रोफाइलर, एक डब्ल्यू-बैंड रडार, रेडियोसॉन्डे, लिडार, स्काई इमेजर, पूर्ण विकिरण प्रणाली, सन/स्काई रेडियोमीटर कुछ ऐसे उपकरण हैं जिन्हें साइट पर स्थापित करने का प्रस्ताव है. एआरटी-सीआई के परियोजना निदेशक जी पंदिथुराई ने कहा, "आगामी मॉनसून (2023) से पहले अधिकतर अधिग्रहीत प्रणालियां स्थापित कर दी जाएंगी. विंड प्रोफाइलिंग रडार, लिडार जैसी कुछ अवलोकन सुविधाओं को अगले साल खरीदा और स्थापित किया जाना है." (PTI)
