MP: पलायन ने छुड़ाई 2 लाख बच्चों की पढ़ाई, गृह संपर्क अभियान में खुलासा, स्कूलों में 28 फीसदी घटे न्यू एडमिशन

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Published : Aug 18, 2021, 5:46 PM IST

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स्कूली शिक्षा विभाग के इस गृह संपर्क अभियान में खुलासा हुआ कि प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा बच्चों के परिवार रोजी-रोटी की तलाश में पलायन कर चुके हैं. सरकार अब इन परिवारों से संपर्क कर इनके बच्चों को स्कूल लाने के लिए अभियान चलाने जा रही है. स्कूली शिक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी के बाद से सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या में करीब 28 फीसदी की कमी आई है.

भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर के बाद बीते कुछ दिनों से संक्रमण के मामलों से थोड़ी राहत है. राहत मिलने के साथ ही सरकार ने आंशिक तौर पर स्कूल-कॉलेज भी खोल दिए हैं. कोरोना का डर कुछ कम होने के दौरान बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए ऐसे परिवारों से संपर्क किया जिन परिवारों के बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं. स्कूली शिक्षा विभाग के इस गृह संपर्क अभियान में खुलासा हुआ कि प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा बच्चों के परिवार रोजी-रोटी की तलाश में पलायन कर चुके हैं. सरकार अब इन परिवारों से संपर्क कर इनके बच्चों को स्कूल लाने के लिए अभियान चलाने जा रही है.

MP: पलायन ने छुड़ाई 2 लाख बच्चों की पढ़ाई
MP: पलायन ने छुड़ाई 2 लाख बच्चों की पढ़ाई

पलायन ने छुड़ाई पढ़ाई
प्रदेश में गरीब, मजदूर वर्ग और श्रमिकों के बच्चो के बच्चों को स्कूलों तक लाने और उन्हें एडमिशन दिलाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग हर साल ऐसे बच्चों के परिवारों से संपर्क करने के लिए गृह संपर्क अभियान चलाता है. कोरोना की दूसरी लहर के बाद हालत कुछ ठीक होने पर शिक्षा विभाग ने

- साल 2021-22 के लिए 22 लाख 62 हजार 247 बच्चों को स्कूल लाने का लक्ष्य निर्धारित किया था.
- इसी तरह कोरोना के दौरान बने हालातों के चलते स्कूल छोड़ चुके प्रदेश के 13 लाख 78 हजार 520 बच्चों, जिनका एडमिशन नहीं हुआ ऐसे 67 हजार 738 बच्चे, श्रमिकों के 1 लाख 4 हजार 610 बच्चों को स्कूल तक लगाने का लक्ष्य रखा गया.
- स्कूलों में न्यू एडमिशन के लिए चलाए गए शाला प्रवेश गृह संपर्क अभियान में 22.63 लाख बच्चों में से 6.33 लाख बच्चों का सर्वेक्षण किया गया है.

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- इस दौरान विभाग को पता चला कि 1.70 हजार 812 बच्चों का परिवार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पलायन कर चुका है. विभाग को गृह संपर्क के दौरान 58 हजार 258 परिवार गैर मौजूद मिले.
- इसी तरह स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से स्कूलों वापस लाने के लिए भी गृह संपर्क अभियान चलाया गया. इसमें शाला त्याग चुके 13.78 हजार बच्चों से संपर्क का लक्ष्य निर्धारित किया गया.

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- इस संपर्क अभियान में 4.45 लाख बच्चों और परिवारों से संपर्क किया गया. इस दौरान 2 लाख 7 हजार 422 बच्चे ऐसे पाए गए जिनका परिवार पलायन कर चुका है.
- स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के 65 हजार 539 परिवार अभियान के दौरान गैर मौजूद पाए गए.

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कोरोनाकाल में घटे स्कूलों में स्टूडेंट्स
स्कूली शिक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी के बाद से सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या में करीब 28 फीसदी की कमी आई है.

- प्राइवेट स्कूलों में साल 2019-20 में कक्षा 1 से लेकर 8 वीं तक 42.14 लाख बच्चों का एडमिशन हुआ था, जबकि 2020-21 में प्राइवेट 39.59 लाख बच्चों ने ही एडमिशन कराया. इसी तरह साल 2021-22 में पहली से 8 वीं तक के 30.16 लाख बच्चों के एडमिशन हुए हैं. आंकड़े यह बताते हैं कि बीते दो सालों में प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन लेने वाले बच्चों की संख्या में करीब 28.43 फीसदी कमी आई है.

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- सरकारी स्कूलों में 2019-20 में 1 से 8 वी क्लास तक के 64.97 फीसदी बच्चों का एडमिशन हुआ थे 2020-21 में यह आंकड़ा घटकर 62.80 लाख पर आ गया था. इस साल 2021-22 में 1 से 8 वी तक के बच्चों के 57.80 लाख एडमिशन हुए हैं. इस तरह बीते दो सालों में स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों की संख्या में करीब 11 फीसदी की गिरावट आई है.

माईग्रेट परिवारों से संपर्क करने के लिए फिर चलाया जाएगा अभियान
संपर्क अभियान से हुए 2 लाख बच्चों के परिवारों के पलायन के खुलासे के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि-

इनमें ऐसे लोग बड़ी संख्या में शामिल हैं, जो समय समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट हो जाते हैं. ऐसे परिवारों के बच्चों को स्कूलों में एडमिशन कराने के लिए एक बार फिर से संपर्क अभियान चलाया जाएगा. साथ ही कोशिश की जा रही है कि ऐसे बच्चों को सरकारी हाॅस्टल में रखे जाने की सुविधा भी दी जाए. हालांकि प्रदेश में कोरोना के चलते सरकारी स्कूलों में एडमिशन कम नहीं हुए , प्राइवेट स्कूलों में होने वाले एडमिशन की संख्या में जरूर कुछ कमी आई है.

इंदर सिंह परमार, मंत्री, स्कूल शिक्षा

कांग्रेस बोली सरकार के दावे, हवाहवाई
कोरोना काल के दौरान प्रदेश में बड़ी संख्या में हुए पलायन को लेकर कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार सेतु पोर्टल तैयार किया था, दावा भी किया ता कि यह पोर्टल कामगार और रोजदार दाताओं के बीच सेतु बनेगा, लेकिन उनका यह दावा सिर्फ हवा हवाई ही दावा साबित हुआ. इसी वजह से मजदूरों को काम काज की तलाश में पलायन करना पड़ रहा है जिसका खामियाजा उनके बच्चों को पढ़ाई छोड़ देने के तौर पर उठाना पड़ रहा है.

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