क्या है साइबर क्राइम? आखिर साइबर अपराधियों से कैसे बचें? जानें एक्सपर्ट की राय...

author img

By

Published : Dec 16, 2020, 9:50 PM IST

cyber crime

अपराध का ग्राफ अब ऑनलाइन भी बढ़ता जा रहा है. लगातार इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल ने साइबर क्राइम में एकदम से इजाफा किया है. आखिर क्या होता है साइबर क्राइम और कैसे इससे बच सकते हैं, जानें एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से...

भोपाल। दिनों दिन जैसे-जैसे लोग इंटरनेट का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर रहे हैं, वैसे-वैसे साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है. आखिर क्या होता है साइबर क्राइम? कौन से अपराध साइबर क्राइम की श्रेणी मे हैं? आखिर इससे कैसे बचें? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए ETV भारत की टीम ने साइबर लॉ एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से खास बातचीत की. और साइबर क्राइम से जुड़े तमाम सवालों के जवाब जाने. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

जानें क्या है साइबर क्राइम?
  • सवाल- साइबर क्राइम क्या है?

जवाब- साइबर अपराध 'इलेक्ट्रॉनिक अपराध' के नाम से भी जाने जाते हैं. ऐसे अपराध है जिसे करने के लिए कंप्यूटर, मोबाइल, नेटवर्क डिवाइस या इंटरनेट का उपयोग किया जाता है, वे सभी साइबर क्राइम कहलाते हैं.

  • सवाल- कौन से अपराध साइबर क्राइम की श्रेणी में हैं?

जवाब- ATM कार्ड, नेट बैंकिंग, फोन पे, पेटीएम, गूगल पे, सोशल अकाउंट पर किसी की इमेज बदलना, उसके नाम से पैसे एंठना, आदि सभी साइबर क्राइम कहलाते हैं. साइबर क्राइम के अंतर्गत 3 प्रमुख श्रेणियां आती हैं, जिसमें व्यक्ति विशेष, संपत्ति और सरकार के खिलाफ अपराध शामिल हैं.

1. व्यक्ति विशेष के खिलाफ साइबर क्राइम

ऐसे अपराध जो कि ऑनलाइन तो होते हैं, लेकिन वे वास्तविक लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं. इनमें से कुछ अपराधों में साइबर उत्पीड़न और साइबर स्टॉकिंग, चाइल्ड पोर्नोग्राफी का वितरण, विभिन्न प्रकार के स्पूफिंग, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, मानव तस्करी, पहचान की चोरी और ऑनलाइन बदनाम किया जाना शामिल हैं. साइबर क्राइम की इस श्रेणी में किसी व्यक्ति या समूह के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण या अवैध जानकारी को ऑनलाइन लीक कर दिया जाता है.

2. संपत्ति विशेष के खिलाफ साइबर क्राइम

कुछ ऑनलाइन अपराध संपत्ति के खिलाफ होते हैं. जैसे कि कंप्यूटर या सर्वर के खिलाफ या उन उपकरणों को जरिया बनाकर किए जाते हैं. इन अपराधों में हैकिंग, वायरस ट्रांसमिशन, साइबर और टाइपो स्क्वाटिंग, कॉपीराइट उल्लंघन, आईपीआर उल्लंघन आदि शामिल हैं.

3. सरकार विशेष के खिलाफ साइबर क्राइम

ये सबसे गंभीर साइबर क्राइम माना जाता है. सरकार के खिलाफ किए गए ऐसे क्राइम को साइबर आतंकवाद के रूप में भी जाना जाता है. सरकारी साइबर अपराध में सरकारी वेबसाइट या सैन्य वेबसाइट को हैक किया जाना शामिल हैं. इस प्रकार के साइबर क्राइमों पर नियंत्रण के लिए हर एक देश की सरकार ने कठोर साइबर कानून बनाए हैं.

पढ़ें- कैसे घटित होते हैं साइबर अपराध, क्या है बचाव के उपाय, कहां करें शिकायत ?

  • सवाल- साइबर क्राइम से कैसे बचें?

जवाब- किसी भी तरह के ऑफर और लालच में नहीं आएं. किसी भी लिंक को ओपन न करें. फ्रॉड लिंक के जरिए पूरा मोबाइल हैक किया जा सकता है, जिससे पूरा डेटा आसानी से चोरी हो सकता है. किसी भी अनजान व्यक्ति से फोन पर बात कर उसके बहकावे में न आएं. अच्छी तरह जांच पड़ताल करने के बाद ही किसी भी बैंक खाते में राशि डालें. इसके अलावा मोबाइल पर आए किसी भी लिंक को ओपन न करें. फेसबुक, ट्विटर और किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रोफाइल आईडी का पासवर्ड काफी स्ट्रांग रखें, सरल पासवर्ड न रखें. सोशल मीडिया पर अगर किसी परिचित का मैसेज आता है और वह आपसे रुपयों की मांग करता है, तो पहले उसे अच्छी तरह से जांच लें या मैसेज करने वाले से फोन पर संपर्क करें. उसके बाद ही किसी भी खाते में राशि ट्रांसफर करें. बैंक कर्मचारी कभी भी फोन पर बैंक डिटेल्स नहीं मांगते हैं.

  • सवाल- साइबर फ्रॉड की शिकायत कैसे करें?

जवाब-अगर किसी के भी साथ साइबर ठगी होती है, तो वे तुरंत राज्य साइबर सेल के ऑफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज करवा सकता है. अगर जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करवाई जाए तो बैंक से रुपए ट्रांसफर होने से रोके जा सकते हैं. इसके अलावा साइबर सेल ने एक हेल्प लाइन नंबर भी शिकायतों के लिए जारी किया है. 7049106300 इस नंबर पर भी तुरंत शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है.

  • सवाल- साइबर लॉ के तहत सजा के क्या प्रावधान हैं?

जवाब- केंद्रीय और राज्य सरकारें ऐसे मामलों को लेकर काफी गंभीर हैं. भारत में साइबर क्राइम के मामलों में सूचना तकनीक कानून 2000 और सूचना तकनीक (संशोधन) कानून 2008 लागू होते हैं. लेकिन इसी श्रेणी के कई मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC), कॉपीराइट कानून 1957, कंपनी कानून, सरकारी गोपनीयता कानून और यहां तक कि आतंकवाद निरोधक कानून के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है.

पढ़ें- साइबर अपराध का बढ़ता ग्राफ ! फ्रॉड से बचाएंगे ये अहम टिप्स

जुर्माने का भी है प्रावधान

तीन साल तक की सजा हर अपराध में है. साथ एक लाख रुपए से पांच लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. अगर साइबर माध्यमों के जरिए पोर्नोग्राफी का डिस्ट्रीब्यूशन किया जा रहा है तो सजा पांच से सात साल है. बच्चों को किसी भी तरह से अगर अश्लील पोजिशन में दिखाया जा रहा है तो भी सचा पांच से सात साल है. IT एक्ट के तहत भी है, पॉक्सो एक्ट के तहत भी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.