भाई दूज पर आख़िर क्यों अपने कैदी भाइयों से नहीं मिल पाई बहनें ?

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Published : Nov 6, 2021, 6:16 PM IST

Bhind District Jail

दीपावली के दो दिनों बाद भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. रक्षा बंधन की तरह ही भाई दूज का भी विशेष महत्व होता है, जिसमें बहनें अपने भाई के लिए व्रत रखती है और पूजन के बाद उसे तिलक लगाकर यह त्योहार मनाती हैं. लेकिन इस बार भिंड जेल के क़ैदियों की बहनें अपने भाईयों से मुलाक़ात नहीं कर पाई.

भिंड। दीपावली के दो दिनों बाद भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. रक्षा बंधन की तरह ही भाई दूज का भी विशेष महत्व होता है, जिसमें बहनें अपने भाई के लिए व्रत रखती है और पूजन के बाद उसे तिलक लगाकर यह त्योहार मनाती हैं. लेकिन इस बार भिंड जेल के क़ैदियों की बहनें अपने भाईयों से मुलाक़ात नहीं कर पाई.

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बंद है जिला जेल

पिछले दिनों 31 जुलाई को भिंड जिला जेल का बड़ा हिस्सा ढह गया था, इस हादसे में 21 क़ैदी घायल हुए थे. जिसके बाद बचे हुए 234 क़ैदियों को ग्वालियर सेंट्रल जेल में शिफ़्ट कर दिया गया था, अब तक भिंड ज़िले में नयी जेल की व्यवस्था नहीं हो पायी है. जिसके चलते क़ैदियों को फ़िलहाल मेहगाँव, गोहद उप जेल और केंद्रीय जेल ग्वालियर में शिफ़्ट किया जा रहा है. ऐसे में त्योहार आते ही इन क़ैदियों के परिजन की परेशनियां बढ़ गयी हैं. क्यूोंकि अब अपने क़ैदी परिजन से मिलने के लिए ऐसे परिवारों को ग्वालियर तक का सफ़र तय करना पड़ता है.

ग्वालियर सेंट्रल जेल जाने की परेशानी
कोरोना के चलते पहले ही अटेंडरों को जेल में अपने क़ैदी परिजनों से मिलने की इजाज़त नहीं मिल पा रही थी. वहीं अब भाई दूज के लिए भी भिंड ज़िले के लोगों को 80 किलोमीटर का सफ़र तय कर जाना पड़ रहा है. इससे कैदियों के परिजनों को खासी परेशानी हो रही है. बता दें कि जेल हादसे के कुछ दिन बाद ही रक्षाबंधन का भी त्योहार था, लेकिन कोरोना गाइडलाइन के चलते क़ैदियों की बहनों को मिलने और राखी बांधने की इजाज़त नहीं मिली थी.

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