आंखे खोलकर देखें माननीय! मंत्री-सांसद के गृह क्षेत्र में 'विकास' का हाल, मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं छात्र

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Published : Nov 11, 2022, 8:40 PM IST

Updated : Nov 11, 2022, 9:32 PM IST

lack of basic facilities in barwani

शिवराज सरकार ग्रामीणों क्षेत्रों में भले ही शिवराज सरकार लाख विकास के दावे और वादे करे, लेकिन हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है (lack of basic facilities in barwani). बड़वानी जिले में मंत्री, लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद तीनों के गृहक्षेत्र बड़वानी में बालक आश्रम में शौचालय नहीं है, बच्चे मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.

बड़वानी। आजादी के 75 साल पूरे होने पर जहां देश-प्रदेश में धूमधाम से आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया. वहीं आजादी के 75 साल बाद भी प्रदेश के कई गांवों मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. जिस तरह शिवराज सरकार सभी ग्रामीणों को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावे और वादे करते नजर आते हैं, लेकिन गांवों में जमीनी हकीकत एकदम इसके उलट नजर आती है. ऐसे ही कुछ तस्वीरें बड़वानी जिले में देखने मिली है (lack of basic facilities in barwani), इससे भी ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल, लोकसभा सांसद गजेन्द्र सिंह पटेल और राज्यसभा सांसद सुमेरसिंह सोलंकी का गृह क्षेत्र भी यही है, लेकिन यहां के नौनिहाल स्कूलों व छात्रावासों में आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.

मंत्री,लोकसभा और राज्यसभा सांसद के गृहक्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की दरकार: अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आरक्षित बड़वानी जिला जहां पर तीन तीन आदिवासी जनप्रतिनिधियों के होने के बावजूद जिले के छात्र मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज हैं. जबकि क्षेत्र के विकास के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. पाटी विकासखंड के ग्राम बोकराटा में कन्या व बालक आश्रम में शौचालय ही नहीं है, जबकि बालक आश्रम में 50 छात्र व कन्या आश्रम में 30 छात्राएं खुले में शौच को जाने को मजबूर हैं (no toilet in ashram in barwani).

मंत्री-सांसद के गृह क्षेत्र में विकास का हाल

80 सीटर छात्रों के आश्रम में नहीं है सुविधाएं: हर घर शौचालय घर- घर शौचालय और स्वच्छ भारत का नारा देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे योजनाओं में शामिल कर आमजन को हर तरह से सुविधा दी है. पीएम आवास योजना के तहत जहां मकान के साथ-साथ पंचायतों में शौचालय बनवाए जा रहे हैं. साथ ही स्कूलों, छात्रावासों व भवनों में भी इसका खास ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन पाटी विकास खण्ड की ग्राम पंचायत बोकराटा में संचालित हो रहे ठक्कर बापा आदिवासी कन्या व बालक आश्रम में छात्र सहित छात्राएं खुले में शौच को जाने को मजबूर हैं.

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आजाद भारत से पहले का भवन नहीं कोई व्यवस्था: आजादी के पहले से यानी 1970 में बने इन आश्रमों में न तो शौचालय है न ही कोई अन्य सुविधा. सालों पहले एकमात्र शौचालय बना था, जो अब खंडहर में तब्दील है. जिसका उपयोग नहीं किया जा सकता. छात्रों ने बताया यहां पानी की भी समस्या रहती है. पहली से 5वीं तक के 50 छात्र व 30 छात्राओं के कमरे में मात्र 2-2 पंखे लगें है. इस पर आश्रम अधीक्षक सहित शिक्षिकाएं भी मानती हैं कि 80 सीटर कन्या बालक आश्रम की सुध लेने वाला कोई नहीं है.

lack of basic facilities in barwani
टूटे हुए आश्रम में पढ़ने को मजबूर छात्र

पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने मंत्री व सरकार पर कसा तंज: इस मामले को लेकर बाला बच्चन कहते हैं की ये सरकार की पोल खोल व्यवस्था है. सरकार के मंत्री की विधानसभा के ये हाल हैं तो प्रदेश की स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है (congress targets shivraj government). वहीं राज्यसभा सांसद डॉ सुमेरसिंह सोलंकी का कहना है की मीडिया के माध्यम से मामला उनके संज्ञान में आया है, यह बहुत गंभीर विषय है. उन्होंने तत्काल कलेक्टर सहित जवाबदारों को निर्देश देकर समस्या का हल करवाने की बात कही है.

Last Updated :Nov 11, 2022, 9:32 PM IST
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