कद डेढ़ फीट, उम्र 17 साल, बड़वानी में दुनिया की सबसे छोटी लड़की होने का दावा! Guinness World Record में दर्ज होगा नाम

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Published : May 21, 2022, 6:48 PM IST

Updated : May 21, 2022, 7:11 PM IST

world smallest girl in mp

बड़वानी के जिला अस्पताल में लगे स्वास्थ्य मेले में दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने एक बालिका पहुंची, उसकी आयु तो 17 साल है, लेकिन हाइट मात्र डेढ़ फीट की है. पानसेमन गांव की सोनाली कांतिलाल न ठीक से खड़ी रह पाती है और न बोल पाती है. चेकअप के बाद उसका दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाया गया. साथ ही जिले के अधिकारियों का कहना है कि ये भारत ही नहीं दुनिया की सबसे छोटी लड़की है. इसका नाम Guinness World Record में दर्ज करने के लिए भेजा जाएगा.

बड़वानी। जिला अस्पताल में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है, इसमें पानसेमल तहसील के आमदा गांव से एक डेढ़ फीट की लड़की अपने परिजनों के साथ दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने पहुंची. यहां डॉक्टरों को जब उसकी उम्र 17 वर्ष बताई गई तो सब हैरान हो गए. सोनाली पहली नजर में एक या दो साल की लगती है, लेकिन हकीकत में उसकी उम्र 17 साल है. दुनिया में सबसे छोटे कद के रूप में नागपुर की ज्योति आमगे को जाना जाता है, लेकिन उससे भी कम हाइट सोनाली की हो सकती है ऐसा बड़वानी के डॉक्टरों का मानना है. इसी वजह से सोनाली का नाम दुनिया की सबसे कम हाइट वाली लड़की के रूप में गिनीज बुक में दर्ज हो सकता है.

बड़वानी में दुनिया की सबसे छोटी लड़की

ठीक से खड़ी भी नहीं रह पाती सोनाली: सोनाली बड़वानी के पानसेमल तहसील के आमदा गांव की निवासी है. इसकी हाइट डेढ़ से दो फीट के बीच है. माता-पिता ने जब सोनाली की उम्र बताई तो बड़वानी अस्पताल में मौजूद डॉक्टर और अफसरों को यकीन नहीं हुआ. हालांकि बाद में चेकअप करवा कर सोनाली का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाया गया. सोनाली कांतिलाल न ठीक से खड़ी रह पाती है और न बोल पाती है.

Barwani claims to be world smallest girl
बड़वानी में दुनिया की सबसे छोटी लड़की होने का दावा

मेरे चार बच्चे हैं. एक बेटी और तीन बेटे हैं. सोनाली सबसे बड़ी बेटी है. इसके बाद तीन बेटे हुए जो सामान्य लोगों की तरह है. इनकी कद काठी समय के साथ बढ़ रही है, लेकिन बेटी की उम्र के अनुसार उसकी हाइट नहीं बढ़ी. अब भी बच्चों की तरह संभालना पड़ता है. सोनाली न ठीक से खड़ी रह पाती है और न ही बोल पाती है. डॉक्टर ने चेकअप करने के बाद उसका दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाया. इसे अब पेंशन के रूप में प्रतिमाह एक हजार रुपए दिए जाएंगे. जिला प्रशासन को प्रयास करना चाहिए कि लड़की का नाम गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए.

- कांतिलाल, पिता

2005 में उसका जन्म हुआ था. तब से लेकर अब तक छोटे बच्चे की तरह सोनाली को पाल रहे हैं. वे अभी चल नहीं पाती, बोल भी नहीं पाती. उसे खाने में दूध बिस्किट खिलाते हैं. कभी-कभी वो रोटी भी चूर कर खा लेती है. 17 साल की होने के बाद भी छोटे बच्चों की तरह ही हरकत करती है सोनाली.

-सोनाली की मां

ये एक अनुवांसिक बीमारी है. गर्भावस्था के दौरान यदि मां को आयोडीन की कमी है तो भी ये स्थिति बन जाती है. मां ने सही पोषण आहार नहीं लिया तो भी ये स्थिति बनती है. विटामिन डी की कमी के वजह से भी ये समस्या आती है. बच्ची का शारीरिक और मानसिक दोनों रुप में विकास नहीं हुआ है. यदि माता-पिता उसका इलाज एक से दो साल के बीच में करवाते तो लड़की के कद में परिवर्तन आ सकता था, लेकिन अब बहुत कम संभावना है कि उसका कद बढ़ेगा.

-राहुल पाटीदार, मनोरोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल

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Last Updated :May 21, 2022, 7:11 PM IST
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