झोपड़ी बनी कब्रगाह! जंगली हाथियों के झुंड ने दादा-दादी-पोते को कुचलकर मार डाला

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Published : Aug 26, 2021, 1:43 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 1:50 PM IST

Herd of wild elephants crushed to death three members

अनूपपुर में सात जंगली हाथियों के दल (Herd of Wild Elephants) ने कुटिया में रह रहे तीन लोगों को कुचल कर मार डाला, मरने वालों में पति-पत्नी व उनका मासूम पोता शामिल है, वन विभाग की लापरवाही के चलते इन तीनों की जान गई है क्योंकि वन अमले ने हाथियों के आने की सूचना ग्रामीणों तक नहीं पहुंचाई, जिसके चलते इतनी बड़ी घटना घट गई.

अनूपपुर। बिजुरी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत बेलगांव बीट के पटेरा टोला में बुधवार-गुरूवार की दरम्यानी रात जंगली हाथियों का झुंड (Herd of Wild Elephants) साजा टोला बीट में विचरण कर रहा था, विचरण करते हुए रात में हाथियों का दल बेलगांव पहुंच गया, जहां पटेरा टोला में कुटिया बनाकर रह रहे गयादीन केवट पिता मोहर साय 60 वर्ष, उनकी पत्नी मुन्नी बाई 48 वर्ष तथा 4 वर्षीय मासूम पोता राज कुमार पिता पवन केवट को हाथियों के झुंड ने कुचल डाला, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत (Elephants Crushed to Death Three Members of Same Family) हो गई. घटना रात करीब 1:00 बजे की बताई जा रही है, घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला एवं पुलिस बल मौके पर पहुंच गया है, साथ ही कोतमा विधायक सुनील सर्राफ भी मौके पर पहुंचे हैं.

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वन अमले की लापरवाही से गई जान

मृतक के पुत्र पवन केवट ने बताया कि वह तथा उसकी पत्नी एवं भाई बेल गांव स्थित दूसरे घर में रहते थे, उसके पिता गयादीन मां मुन्नी बाई पटेरा टोला में बने कुटिया में रहते थे. गुरुवार की सुबह उसे सूचना मिली कि उसके माता-पिता एवं 4 वर्षीय मासूम बच्चे को जंगली हाथियों के दल (Herd of Wild Elephants) ने कुचलकर मार (Elephants Crushed to Death Three Members of Same Family) डाला है, उसने इस बात से साफ इनकार किया कि उसके परिवार को वन अमले के द्वारा किसी भी तरह की सूचना दी गई थी या आगाह किया गया था.

Herd of wild elephants crushed to death three members
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हाथियों के आने की नहीं मिली सूचना

कोतमा विधायक सुनील सर्राफ घटना की सूचना मिलने के बाद गुरुवार की सुबह मौके पर पहुंचे, जहां उनके द्वारा ग्रामीणों से वन अमले द्वारा सूचना दिए जाने की बात पूछी गई, जिस पर सरपंच राजभान सिंह तथा सचिव रज्जू यादव ने बताया कि रात में लगभग 10:00 बजे वन अमले ने हाथियों के दल (Herd of Wild Elephants) के आने की सूचना दी थी, जिसकी जानकारी सोशल मीडिया पर ग्रामीणों को दे दी गई थी, जबकि वन अमले ने किसी भी तरह की मुनादी नहीं कराई. पीड़ित परिवार गरीब था, जोकि मजदूरी करके अपना पेट पालता था, मोबाइल भी नहीं था, ऐसे में हाथियों के पहुंचने की सूचना उस तक नहीं पहुंची, जिसके बाद रात के समय 7 सदस्यीय हाथियों के दल ने उस पर हमला करते हुए मौत (Elephants Crushed to Death Three Members of Same Family) के घाट उतार दिया.

Last Updated :Aug 26, 2021, 1:50 PM IST
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