अलीराजपुर। जननायक टंट्या मामा देश के महान क्रांतिकारी में से एक हैं. पिछले दशक में इनकी पहचान जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले आदिवासी समाज के युवाओं ने पुनः एक और मूर्ति को अलीराजपुर जिले के ग्राम फाटा फाटक डेम पर 27 नवम्बर को अनावरण किया. मूर्ति राजस्थान के बांसवाड़ा से बनवाई गयी. वहां से मध्यप्रदेश के सीमा क्षेत्र सेजावाडा ग्राम मे पारम्परिक तरीके से पूजा अर्चना कर स्वागत के साथ ही चल समारोह निकला.
चल समारोह निकला : चल समारोह भाबरा,आम्बुआ, जोबट, खट्टाली, नानपुर होते हुए फाटा वास्कल पहुंचा. जहां रातभर कार्यक्रम हुए. मूर्ति अनावरण के पूर्व विशाल सभा और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए. कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के कई जिलों के अलावा राजस्थान और गुजरात से दिग्गज सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए. कार्यक्रम में महिसागर गुजरात से आयी मशहूर नन्ही गायक आर्ची बामनिया ने श्रोताओं का दिल जीता. भवरलाल परमार ने आदिवासियों की प्राचीन संस्कृति और विकास की सभ्यता से अवगत करवाया. कांति भाई रौत ने सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट और समाज के टूटने का कारण बताकर समाज को एकजुट रहने की अपील की.
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कई लोगों ने संबोधित किया : गोंडवाना लेंड भोपाल से आयी साधना उइके द्वारा अलीराजपुर की संस्कृति को अद्भुत बताकर कार्यक्रम की सराहना की गई. लोकेश मुजालदा द्वारा आदिवासी समाज की वर्तमान पीढ़ी के संघर्ष को बताया गया. महेंद्र कन्नौज द्वारा शानदार वक्तव्य के बाद कम समय में ही गाना गाकर समा बांधा. र्यक्रम को सेवन्ति डावर,सुमेर बड़ोले, मुक्ति मौरे, बाबू निनामा, दीपतेशवरी गूथरिया,भारती कासडे सहित कई युवाओं ने सम्बोधित किया.