जोबट उपचुनाव: कांग्रेस की परंपरागत सीट, बीजेपी के लिए टेड़ी खीर, जानिए क्या है स्थानीय मुद्दे और जातीय समीकरण

author img

By

Published : Oct 30, 2021, 6:15 AM IST

जोबट उपचुनाव

मध्य प्रदेश की जोबट विधासनभा सीट पर आज मतदान हो रहा है. इस सीट का चुनावी समीकरण काफी रोचक है. यहां 97 फीसदी आबादी आदिवासियों की है. इसलिए यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है, जानिए यहां का जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे.

अलीराजपुर। मध्य प्रदेश के 3 विधानसभा सीटों और 1 लोकसभा सीट पर आज मतदान हो रहा है. इसी में से एक विधानसभा सीट है अलीराजपुर जिले की जोबट सीट. कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के निधन से खाली हुई सीट पर बीजेपी की तरफ से सुलोचना रावत चुनावी मैदान में है, तो वहीं कांग्रेस ने महेश पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है. इस सीट को कांग्रेस की परंपरागत सीट माना जाता है.

जोबट विधानसभा सीट
जोबट विधानसभा सीट

बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती

जोबट विधानसभा पर हुए पिछले 15 चुनावों में सिर्फ 2 बार ही बीजेपी जीत दर्ज कर सकी है. इसलिए इसे कांग्रेस की परंपरागत सीट माना जाता है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आई सुलोचना रावत से बीजेपी को इस बार काफी उम्मीदें है. इस क्षेत्र में सुलोचना रावत के परिवार का अच्छा जनाधार माना जाता है. सुलोचना रावत यहां से 3 बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुकी है.

क्या है स्थानीय मुद्दे
क्या है स्थानीय मुद्दे

कांग्रेस का गढ़ रहा है जोबट

यहां से लंबे समय तक कांग्रेस के टिकट पर अजमेर सिंह रावत जीतते रहे. उनके निधन के बाद उनकी बहू सुलोचना को भी जनता का आशीर्वाद मिला. 1998 में भी जीत हासिल की लेकिन 2003 में उन्हें इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा. 2008 में फिर से उनकी वापसी हुई . इस उपचुनाव में सुलोचना अब बीजेपी की उम्मीदवार हैं.

जोबट का जातिगत गणित

2.75 लाख वोटर वाली जोबट विधानसभा सीट पर आदिवासियों की संख्या करीब 97 फीसदी है. इसमें 40% भील , 55% भिलाला और करीब 5% पटलिया जाति के मतदाता हैं. माना जाता है कि भिलाला वोटर जिस प्रत्याशी को समर्थन देते हैं, जीत उसी की होती है. इस सीट पर वैसे तो हमेशा दो दलों के बीच ही सीधी फाइट रहती हैं, लेकिन तीसरा दल भी अपना असर दिखाता है. जयस संगठन की सक्रियता ने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया था. जोबट विधानसभा में 2 लाख 60 हजार 598 मतदाता है.

क्या है स्थानीय मुद्दे?

  • आदिवासी बहुल क्षेत्र में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है
  • आदिवासियों का पलायन भी यहां बड़ा चुनावी मुद्दा है
  • आधारभूत सुविधाओं का अभाव भी चुनावी मुद्दा है
  • सामाजिक, आर्थिक विकास भी यहां का मुख्य मुद्दा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.