Ujjain Bhoot Mela: महाकाल की नगरी में लगा भूतों का मेला, भूतड़ी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई बावन कुंड में डुबकी

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Published : Sep 25, 2022, 9:03 PM IST

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उज्जैन के बावन कुंड में भूतों का मेला लगा, जहां शरीर की बुरी आत्माओं से निजात पाने के लिए लोगों ने मां शिप्रा में डुबकी लगाई. मान्यता है कि कुंड में डुबकी लगाने से बुरी आत्माओं से छुटकारा मिलता है. वहीं इस दिन किए गए पितृ कर्म का विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है. ujjain bhoot mela, bhootdi amavasya 2022, devotees dip in bavan kund on bhutri amavasya

उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन के कालियादेह पैलेस स्थित बावन कुंड में भूतड़ी अमावस्या पर स्नान करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. मान्यता है कि भूतड़ी अमावस्या पर शरीर में बुरी आत्मा से निजात पाने के लिए बावन कुंड में डुबकी लगाई जाती है. भूतड़ी अमावस्या पर 52 कुंड की मान्यता है कि जिस पर भी बुरी आत्मा का साया हो और वो एक बार 52 कुंड में से सूर्य कुंड और ब्रहम कुंड में डुबकी लगा लेता है उस पर से सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है. (ujjain bhoot mela)

उज्जैन में भूतों का मेला

उज्जैन में भूतों का मेला: रविवार सुबह से ही बावन कुंड में शरीर की बुरी आत्माओं से निजात पाने के लिए डुबकी लगाने का सिलसिला शुरू हो गया. इस दौरान कई श्रद्धालु तंत्र क्रिया करते और कुछ भूतों के मेले में बुरी आत्माओं को लेकर पूजा-पाठ करते भी नजर आए. बीते दो सालों से कोरोना संक्रमण के चलते भूतड़ी अमावस्या पर्व पर स्नान की रोक लगी हुई थी, लेकिन इस बार सभी प्रतिबंध हटा लिए गए हैं. जिला प्रशासन के मुताबिक, भूतों के इस मेले के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं. श्रद्धालु दूर दूर से आकर शरीर में लगी बुरी आत्मा को भगाने के लिए मां शिप्रा में डुबकी लगाते हैं. श्रद्धालुओं का मानना है कि एक डुबकी से ही बुरी आत्मा से छुटकारा मिल जाता है. (bhootdi amavasya 2022)

सिहोर में आधी रात लगता है भूतों का मेला, देखें मेले का अद्भुत दृश्य

प्रशासन ने किए बड़े इंतजाम: बावन कुंड पर भूतड़ी अमावस्या पर 'भूतों का मेला' लगता है. मान्यता है कि कुंड में डुबकी लगाने से जहां बुरी आत्माओं से छुटकारा मिलता है, तो वहीं व्यक्ति के लिए मोक्ष के रास्ते भी खुल जाते हैं. इसका उल्लेख स्कन्ध पुराण में भी हुआ है. यह बहुत दुर्लभ है जब सर्वपितृ अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बनता है. इसके अलावा भी इस तिथि पर इस दिन अलग-अलग प्रकार के योग बन रहे हैं. इस दिन किए गए पितृ कर्म का विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है. (devotees dip in bavan kund on bhutri amavasya)

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