निजी व्यक्ति के नाम दर्ज कर दी करोड़ों की शासकीय जमीन, पत्नी ने पति को नौकरी से हटाने के लिए लगाई याचिका

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Published : Sep 24, 2021, 7:53 PM IST

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जबलपुर हाई कोर्ट ने शासकीय भूमि को निजी व्यक्ति की नाम दर्ज किए जाने के मामले में अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दूसरे मामले में प्रदेश में खाली पड़े ड्रग इंस्पेक्टरों के पद भरे जाने के मामले में राज्य सरकार से दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. वहीं ग्वालियर बेंच में एक अजीबी गरीब मामला सामने आया है जिसमें एक पत्नी ने अपने पति को नौकरी से हटाए जाने को लेकर याचिका लगाई है.

जबलपुर। करोड़ों रूपये की सरकारी जमीन शासकीय अभिलेख में निजी व्यक्ति के नाम दर्ज किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. जिसमें आरोप लगाया गया है कि निजी व्यक्ति प्लॉटिंग के लिए उक्त शासकीय जमीन को बेच रहे हैं. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता हरि सिंह परिहार की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि छतरपुर के सौरा ग्राम स्थित साढे छ एकड सरकारी जमीन श्रीमति शांति बाई के नाम पर साल 2017 में शासकीय अभिलेखों में दर्ज कर दी गयी. जिसके सरकार को करोड़ों रूपये की राजस्व हानि हुई है. इस संबंध में याचिकाकर्ता ने कलेक्टर और लोकायुक्त से शिकायत की थी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई जिसके बाद याचिककर्ता ने अदालत का रुख किया है.

प्रदेश में ड्रग इंस्पेक्टर के 44 पद रिक्त

प्रदेश में बिक रही नकली दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने को लेकर राज्य सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से पेश की गयी पूर्व रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदेश में ड्रग इस्पेक्टर के कुल 93 पद है, जिसमें से 44 पद रिक्त हैं. इस मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस व्ही के शुक्ला ने रिक्त पदों में नियुक्ति के संबंध मेें सरकार को दो सप्ताह में जानकारी पेश करने के निर्देश जारी किए हैं. अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने तरफ से साल 2010 में दायर की गयी याचिका में ड्रग इस्पेक्टर के रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर चुनौती दी गयी थी. याचिका की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया कि साल 2006-07 में नकली दवा बेचने का प्रकरण दर्ज किया गया था. इसके बाद इस मामले में साल 2020 तक कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया और न ही किसी तरह की कोई छापे मारी की कार्यवाही की गई. याचिकाकर्ता ने रिजाइडर के साथ इस संबंध में आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के दस्तावेज भी प्रस्तुत किये गये हैं.

पत्नी ने पति को नौकरी से हटाने के लिए दायर की याचिका
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. इसमें एक पत्नी ने अपने पति को नौकरी से हटाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. पत्नी का आरोप है कि उसके पति को प्रताड़ना के मामले में दोषी पाते हुए कोर्ट ने 2015 मे उसे 3 साल की सजा सुनाई और अर्थदंड भी लगाया था, लेकिन पिछले 6 साल से भिण्ड के अटेर डिग्री कॉलेज में पति चमन प्रकाश बेधड़क नौकरी कर रहा है. उसने अपने विभाग को भी कोर्ट से मिली सजा के बारे में अवगत नहीं कराया है. याचिकाकर्ता महिला का पति भिंड के अटेर डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में पदस्थ है.

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