MP Poor Health System मां की गोद में मासूम ने तोड़ा दम, पत्नी का तीजा व्रत होने के कारण अस्पताल नहीं पहुंचे डॉक्टर

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Published : Aug 31, 2022, 6:31 PM IST

Updated : Aug 31, 2022, 11:10 PM IST

MP Poor Health System

घटना के वक्त अस्पताल में न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी थे और न ही डॉक्टर. बेबस मां और परिजन काफी देर तक बेटे को लेकर अस्पताल के दरवाजे पर ही इंतजार करते रहे, लेकिन कई घंटों तक जब डॉक्टर नहीं पहुंचा तो मासूम ने अस्पताल की दहलीज पर ही दम तोड़ दिया. हैरानी की बात तो यह है कि मासूम की मौत के कई घंटों बाद भी अस्पताल में पदस्थ न तो डॉक्टर पहुंचे और न ही इलाके की बीएमओ.Jabalpur Medical Hospital

जबलपुर। सरकार के लाख दावों के बावजूद भी मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम पटरी पर नहीं आ पा रहा है, ग्रामीण इलाकों में तो बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं लोगों की जान लेने पर आमादा हो गई है. बरगी के स्वास्थ्य आरोग्यम केंद्र में तो लापरवाही की इन्तहा तो तब हो गई, जब अस्पताल में डॉक्टर न होने से इलाज के अभाव में मां की गोद में ही मासूम बेटे ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया.

मां की गोद में मासूम ने तोड़ा दम

मौके से नादारद मिले डॉक्टर और बीएमओ: दरअसल चरगवां थाना क्षेत्र के तिनहेटा देवरी निवासी मासूम के पिता संजय पन्द्रे अपने 5 वर्षीय मासूम बेटे को इलाज के लिए बरगी के स्वास्थ्य आरोग्यम केंद्र लेकर पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल में न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी थे और न ही डॉक्टर. बेबस मां और परिजन काफी देर तक बेटे को लेकर अस्पताल के दरवाजे पर ही इंतजार करते रहे, लेकिन कई घंटों तक जब डॉक्टर नहीं पहुंचा तो मासूम ने अस्पताल की दहलीज पर ही दम तोड़ दिया. हैरानी की बात तो यह है कि मासूम की मौत के कई घंटों बाद भी अस्पताल में पदस्थ न तो डॉक्टर पहुंचे और न ही इलाके की बीएमओ.

इसलिए अस्पताल नहीं पहुंच पाए डॉक्टर: इधर कई घंटों देरी से पहुंचे अस्पताल के डॉक्टर ने देरी से आने की अपनी अलग ही वजह बताई, उनकी मानें तो एक दिन पहले उनकी पत्नी का व्रत था लिहाजा उन्हें अस्पताल पहुंचने में देर हो गई.

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परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप: फिलहाल मासूम की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा गहरा गया और उन्होंने डॉक्टरों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं. नाराज परिजनों का कहना है कि "समय पर इलाज मिल जाता तो मासूम की जान बच जाती." फिलहाल ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी लाने के भले ही लाख दावे किए जाते हैं, लेकिन अस्पताल के दरवाजे पर मां की गोद में 5 साल के बच्चे की मौत का होना सिस्टम पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.

Last Updated :Aug 31, 2022, 11:10 PM IST
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