आ गया 'सेना का कवच' : दुश्मन का हर वार होगा बेकार

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Published : Mar 26, 2021, 6:40 PM IST

MPV sena ka kavach

जबलपुर की केंद्रीय सुरक्षा संस्थान व्हीकल फैक्ट्री को सेना के लिए 100 से ज्यादा माइन्स प्रोटेक्टिव व्हीकल यानि MPV बनाने का आॉर्डर मिला है. इससे पहले ऐसे वाहन सिर्फ आंध्रप्रदेश के मेदक में बनते थे.MPV को सेना का सबसे शक्तिशाही वाहन माना जाता है. इन पर माइंस का भी असर नहीं होता.

जबलपुर। सेना के लिए हमेशा से वाहन बनाने वाली केंद्रीय सुरक्षा संस्थान व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ने अपने उत्पादन में एक और कदम बढ़ाया है.जबलपुर स्थित व्हीकल फैक्ट्री अब इतना शक्तिशाली वाहन बना रही है, जिसका माइंस भी कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी. अभी तक ये व्हीकल सिर्फ आंध्र प्रदेश की मेदक फैक्ट्री में बनता था. अब जबलपुर की केंद्रीय सुरक्षा संस्थान व्हीकल फैक्ट्री के करीब 100 ऐसे व्हीकल बनने का काम मिला है.

'सेना का कवच'

जानें, क्या है इस व्हीकल की खासियत

देखा गया है, कि आतंकी या नक्सली सैनिकों-CRPF के जवानों को नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते हैं. कई बार नक्सलियों की ऐसी कायराना हरकत से कुछ सैनिक शहीद भी हुए हैं. इसे देखते हुए अब आंध्रप्रदेश की मेदक फैक्ट्री के साथ साथ जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री में भी इस शक्तिशाली वाहन का प्रोडक्शन शुरु हो रहा है. इस वाहन का नाम है माइन्स प्रोटेक्टिव व्हीकल यानि MPV. सेना और CRPF के लिए तैयार किए जा रहे इस व्हीकल की खासियत ये है, कि इस पर कितना भी पावरफुल माइन्स अटैक क्यों ना हो, इसका कुछ नहीं बिगड़ेगा. इतना ही नही ये व्हीकल नदी नालों में भी आसानी से चल सकता है.

आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की MPV से बची थी जान.

जब चंद्रबाबू नायडू आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री थे उस समय उन पर नक्सली हमला हुआ था. उस समय वो इसी माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल में सवार थे. इस वजह से उनकी जान बच गई. जानकारी के मुताबिक ये व्हीकल सेना में शामिल हुए वाहनों में अभी तक का सबसे शक्तिशाली वाहन है. MPV अगर माइन्स पर भी चलता है, तो उसमें बैठे इंसान की जान को कोई खतरा नहीं होता.

जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री को मिला 100 बुलेट प्रूफ वाहन का ऑर्डर

जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री अभी तक सेना के लिए स्टालियन-6x6 और कई अन्य वाहन बनाती थी. अब माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल जबलपुर में बनाकर सेना को दिए जा रहे हैं. शुरुआती दौर में व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर को ऐसे करीब 100 व्हीकल बनाने का ऑर्डर मिला है. व्हीकल फैक्ट्री के जनरल मैनेजर अतुल गुप्ता बताते हैं, कि सेना को तैयार वाहन देने से पहले इसकी टेस्टिंग की जाती है. उन्होंने बताया कि माइंस के अलावा गन से भी इस पर अगर हमला होता है तो इसका भी MPV पर नहीं होगा.जीएम गुप्ता की मानें, तो शुरू में व्हीकल फैकट्री एक या दो वाहन बनाया करती थी.ये पहली मर्तबा है कि करीब 100 वाहन बनाने का आर्डर जबलपुर की फैक्ट्री को मिला है.

कर्मचारियों में खुशी

जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री सेना के लिए वाहन बनाने का काम बीते कई सालों से कर रही है. जो वाहन व्हीएफजे में अब बन रहा है वो इससे पहले आंध्र प्रदेश की मेदक फैक्ट्री में बना करता था. मंदी के दौर में 100 वाहन बनाने का ऑर्डर मिलने से फैक्ट्री के कर्मचारियों में भी खुशी है.

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सिर्फ वाहन ही नहीं सारंग तोप भी बना रही है फैक्ट्री

जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री वाहन बनाने के लिए पूरे देश में मशहूर है. इसके अलावा वर्तमान में इस फैक्ट्री में सेना की सारंग तोप का भी निर्माण किया जा रहा है. सारंग तोप और भी अत्याधुनिक है. इसकी मारक क्षमता भी काफी बढ़ गई है. कहा जा सकता है कि आज का दौर व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर के लिए सुनहरा समय लेकर आया है.

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