Corona side effects : ठंड और कोरोना के घातक मेल से सर्दी बनी मुसीबत, इन खतरनाक रोगों में युवा मरीजों की संख्या बढ़ी

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Published : Dec 24, 2021, 8:11 PM IST

Updated : Dec 25, 2021, 3:32 PM IST

corona side effects

जयारोग्य अस्पताल की कार्डियोलॉजी विभाग के सह प्रभारी डॉ गौरव भार्गव (Cardiologist Dr Gaurav Bhargava) का कहना है कि अंचल में सर्दी बढ़ते ही हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या दुगनी हो गई है और इन मरीजों में ऐसे मरीज भी शामिल है जो पहले कोरोना संक्रमित (corona side effects) हो चुके है. ऐसे लोगों को लेकर डॉक्टर्स का कहना है कि वह सर्दी के समय सावधानी रखें. इसके साथ ही अगर कोई आपके शरीर में हलचल पैदा होती है तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें. Brain hemorrhage in winter cold wave. Heart attack in winter cold wave.

ग्वालियर : ग्वालियर चंबल अंचल में लगातार बढ़ रही सर्दी के कारण अब शहर में ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अबकी बार सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को आ रही है जो कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमित हुए थे. ऐसे लोग सीने में दर्द की शिकायत को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. पिछले 15 दिन से ठंड सर्दी बढ़ने के साथ ही हार्ट-अटैक (heart attack in winter cold wave) की समस्या को लेकर जयारोग्य अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में मरीजों की संख्या दुगनी हो गई है.

डॉक्टरों का कहना है कि जैसे-जैसे अंचल में तापमान में गिरावट आई वैसे ही हार्ट अटैक (brain hemorrhage in winter cold wave) के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ती जाएगी और इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोगों के द्वारा सुरक्षा और सावधानी न रखना. क्योंकि सर्दी में खून का थक्का जमने से हाथ पैर काम करना बंद कर देते हैं और यही हार्ट-अटैक का कारण बनता है. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इन मरीजों में सबसे ज्यादा युवाओं की संख्या है. जिनकी उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच में है. ऐसे में हृदयरोग विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी के समय मरीजों के अलावा सामान्य लोगों को भी ध्यान रखना बहुत आवश्यक है.

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चंबल अंचल में बढ़ती सर्दी का असर

अबकी बार पूर्व कोरोना संक्रमित लोगों को सबसे ज्यादा समस्या वैसे तो हर बार सर्दियों के समय ब्रेन हेमरेज हार्ट-अटैक के मरीजों की संख्या दुगनी हो जाती है लेकिन अबकी बार उन सामान्य लोगों को भी परेशानी आ रही है जो कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमित (corona side effects) हुए थे ऐसे लोगों को सर्दी बढ़ते ही उनके सीने में दर्द और बीपी काफी (Low BP) कम हो रहा है.

जयारोग्य अस्पताल की कार्डियोलॉजी विभाग के सह प्रभारी डॉ गौरव भार्गव (Cardiologist Dr Gaurav Bhargava) का कहना है अंचल में सर्दी बढ़ते ही हार्ट अटैक (heart attack in winter cold wave) के मरीजों की संख्या दुगनी हो गई है और इन मरीजों में ऐसे मरीज भी शामिल है जो पहले कोरोना संक्रमित हो चुके है. ऐसे लोगों को लेकर डॉक्टर्स का कहना है कि वह सर्दी के समय सावधानी रखें और अपने खानपान पर भी विशेष ध्यान रखें. इसके साथ ही अगर कोई आपके शरीर में हलचल पैदा होती है तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श ले.

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बुजुर्गों के साथ-साथ अब ज्यादा युवा हो रहे शिकार

जयारोग्य अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के सह प्रभारी डॉ गौरव कवि भार्गव का कहना है कि हृदय घात की परेशानी 50 से अधिक के उम्र के लोगों में देखने को मिलती थी लेकिन अब युवा पीढ़ी से इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं. खानपान और बदलती जीवन शैली का प्रभाव युवाओं में अधिक देखने को मिल रहा है और यही वजह है कि यही हार्ट अटैक (heart attack in winter cold wave) का कारण बन रहा है.यही वजह है कि युवाओं को विशेष निगरानी रखने की आवश्यकता है. क्योंकि देखने में आ रहा है कि आप सबसे ज्यादा हार्ट अटैक के मरीज युवा ही निकल कर आ रहे हैं. यह एक चिंता का विषय है.

समझे लोग क्यों हो रहे हैं ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक का शिकार (Brain hemorrhage, Heart attack in winter)

  • दिनचर्या और धूम्रपान और नशा सबसे बड़ी वजह.
  • बीपी बढ़ने के कारण होते हैं ब्रेन हेमरेज का शिकार.
  • चलते-चलते अचानक गिरने के कारण ब्रेन हेमरेज का शिकार.
  • सर्दी में सुबह के वक्त अचानक घर से निकलने के कारण हो सकते हैं हार्टअटैक का शिकार.

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सर्दियों में ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक (Brain hemorrhage, Heart attack) से बचने के लिए रखें विशेष सावधानी

  • सबसे ज्यादा सर्दियों में ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक से लोग शिकार होते हैं इसलिए सर्दियों के समय में विशेष सावधानी रखना बहुत आवश्यक है.
  • अगर ठंड अधिक पड़ने लगी है तो ठंड के मौसम में सुबह सैर पर निकले.
  • अपने शरीर पर कोई तनाव न लें.
  • धूम्रपान व शराब का सेवन से दूरी बनाए रखें.
  • तेल मिर्ची के भोजन में सेवन कम करें.
  • सर्दियों के समय नियमित योगा करें.
  • बीपी शुगर की नियमित जांच कराएं और समय पर दवा खाएं.
Last Updated :Dec 25, 2021, 3:32 PM IST
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