Navratri 2022: देवास माता टेकरी पर एक साथ विराजमान हैं दो देवियां, दर्शन करने मात्र से पूरी होती है मनोकामना

author img

By

Published : Sep 26, 2022, 9:50 AM IST

Updated : Sep 26, 2022, 10:41 AM IST

maa chamunda mandir mata tekri in dewas

आज शारदीय नवरात्र का पहला दिन है. देवास जिले के प्रसिद्ध देवी स्थलों पर आज सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली, यहां महाआरती के बाद घट स्थापना के साथ महा नवरात्र पर्व की शुरुआत की गई. माना जाता है कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, जानिए देवास टेकरी की मान्यता. Navratri 2022

देवास। नवरात्रि पर्व देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और देवास मे भी प्रसिद्ध इस्थल माता टेकरी पर नवरात्रि के पावन पर्व पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. दरअसल प्रसिद्ध देव स्थल माता टेकरी पर विराजमान माता चामुंडा, माता तुलजा भवानी का यह रक्तबीज स्थल माता के उन शक्तिपीठ में से एक है जो अनादिकाल से यहां स्थित है. Navratri 2022

देवास माता टेकरी पर एक साथ विराजमान हैं दो देवियां

9 दिनों तक उमड़ता है भक्तों का सैलाब: माता टेकरी में मां चामुंडा और मां तलुजा भवानी के दर्शन के लिए नवरात्र में पूरे नौ दिन भक्त दूर-दूर से आते हैं. नवरात्र के नौ दिनों यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है. माता चामुंडा और तुलजा के इस सिद्ध मंदिर में नवरात्र के दौरान हर साल लाखों की संख्या श्रद्धालु अपनी कई मान्यताओं के साथ पहुंचते हैं.

दिन में तीन बार दर्शन देती हैं मां: कहा जाता है कि देवास जिले की टेकरी पहाड़ पर स्थित मां भवानी का यह मंदिर माता का रक्त पीठ है. किवदंती हैं कि यहां देवी मां के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं. इन दोनों स्वरूपों को छोटी मां और बड़ी मां के नाम से जाना जाता है. वहीं बड़ी माता तुलजा भवानी और छोटी माता चामुंडा माता यहां बाल, युवा और वृद्ध रूप में दिन में तीन बार भक्तों को दर्शन देती हैं.

Navratri 2022: नवरात्र के पहले दिन करें हरसिद्धि माता के दर्शन, VIDEO में देखें अद्भुत नजारा

माता टेकरी मंदिर की मान्यता: माता टेकरी मंदिर से जुड़ी यह मान्यता है कि बड़ी मां और छोटी मां के बीच बहन का रिश्ता था. एक बार दोनों में किसी बात पर विवाद हो गया. विवाद से नाराज दोनों ही माताएं अपना स्थान छोड़कर जाने लगीं. बड़ी मां पाताल में समाने लगीं, और छोटी मां अपने स्थान को छोड़कर जाने लगीं. माताओं को कुपित देख (माना जाता है कि बजरंगबली माता का ध्वज लेकर आगे और भैरव बाबा मां का कवच बन दोनों माताओं के पीछे चलते हैं) हनुमान जी और भैरव बाबा ने उनसे क्रोध को शांत करने के लिए विनती की.उस समय तक बड़ी मां का आधा धड़ पाताल में समा चुका था, वे वैसी ही स्थिति में टेकरी में रुक गईं. वहीं छोटी माता टेकरी से नीचे उतर रही थीं, वे मार्ग अवरुद्ध होने से और भी कुपित हो गईं और जिस अवस्था में नीचे उतर रही थीं, उसी अवस्था में टेकरी पर रुक गईं. माता टेकरी पर भैरव बाबा के मंदिर के साथ ही कई देवी देवताओं के मंदिर भी हैं. साथ ही यह ऐसा स्थल है जिसकी परिक्रमा खुद ही पूरी हो जाती है. पूर्ण परिक्रमा वाला यह अनूठा मंदिर है. माना जाता है कि यहां मां अपने भक्तों की हर मनोकामना के साथ ही सूनी गोद भी भर देती हैं.

किए गए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: यहां आने वाले भक्तों की संख्या को ध्यान मे रखते हुए प्रसाशन और पुलिस ने माता टेकरी मंदिर पर सुरक्षा के इंतजाम किए हैं. इसके अलावा लगातार CCTV से भी निगरानी की जा रही है. साथ ही आने वाले दिनों में भीड़ और बढ़ने की संभावना है, ऐसे में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, शाजापुर मार्ग को लेकर ट्रैफिक प्लान भी लागू किया जाएगा. SDM प्रदीप सोनी ने मीडिया को बताया कि इस बार भी नवरात्रि के दिनों में माता टेकरी पर दर्शन करने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी लाखों की संख्या में आने की उम्मीद है, इसी के चलते सारी व्यवस्था की है, जैसे साफ सफाई, शौचालय और खासकर आकर्षक लाइटिंग की आकर्षण का केंद्र रहेगी.

Last Updated :Sep 26, 2022, 10:41 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.