National Sister Day 2022: समाज के लिए प्रेरणा बनीं नव्या और भव्या, 12 साल की उमर में लिख डाली थी सामाजिक मुद्दों पर किताब

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Published : Aug 6, 2022, 11:03 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 7:53 AM IST

Navya and Bhavya Singh

भोपाल में रहने वाली जुड़वा बहनें नव्या और भव्या सिंह अपने यूट्यूब चैनल 'द इंस्पायर' के माध्यम से लड़कियों को कई सालों से जागरूक कर रही हैं. ये भिंड के पूर्व पुलिस कप्तान मनोज कुमार सिंह की बेटियां हैं. दोनों जुड़वा बहनों में स्ट्रांग बॉन्डिंग है. इस नेशनल सिस्टर्स डे पर जानिए इनके प्यार और रिश्ते की कहानी.(National Sister Day 2022) (Navya and Bhavya Singh) (The Inspirer Youtube Channel)

भिंड। अगस्त माह के पहले रविवार को नेशनल सिस्टर्स डे है. इस साल 7 अगस्त को National Sister's Day मनाया जा रहा है. बहनों को समर्पित इस खास दिन पर ईटीवी भारत आपको ऐसी जुड़वा बहनों के बारे में बता रहा है, जिन्होंने छोटी सी उम्र में एक साथ मिलकर अपने प्यार और रिश्ते को ना सिर्फ मजबूती दी, बल्कि समाज के लिए एक अच्छा संदेश और मिसाल भी पेश की है.

Navya and Bhavya Singh
नव्या और भव्य सिंह

IPS अफसर पिता की बेटियां: भोपाल शहर के डीपीएस स्कूल में पढ़ने वाली नव्या और भव्या सिंह समाज में बढ़ते महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर लोगों को जागरूक कर रहीं हैं. अपने एक यूट्यूब चैनल 'द इंस्पायर' के माध्यम से वे लोगों में जागरुकता ला रही हैं. ये बहनें मध्यप्रदेश के आईपीएस ऑफिसर और भिंड के पूर्व पुलिस कप्तान मनोज कुमार सिंह की बेटियां हैं.(The Inspirer Youtube Channel)

IPS Officer Manoj Kumar Singh Daughter
आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह बेटी

12 साल की उम्र में लिखी किताब: मध्यप्रदेश के भोपाल में रहने वाली जुड़वा बहनें नव्या सिंह और भव्या सिंह की उम्र महज 15 वर्ष है, लेकिन आत्मनिर्भर, जिम्मेदार और समाज के लिए कुछ बेहतर करने की चाह ने उम्र की सीमा को छोटा कर दिया. महज 12 साल की इतनी कम उम्र में दोनों बहनें लेखिका बनीं और तीन साल पहले जब नव्या और भव्या की उम्र 12 साल की थी, उस दौरान उनकी किताब पोस्ट मिलेनीयल डेज (Post Millennial Days) पब्लिश हुई थी.

समाजसेवा से जुड़ी दोनों बहनें: यह किताब सामाज से जुड़े अलग अलग मुद्दों पर कहानियों का संग्रह थी. भव्या सिंह ने बताया कि इस किताब को लिखना एक अलग एक्सपीरियंस था. इसमें पर्यावरण, जेंडर इक्वालिटी, मेंटल हेल्थ जैसे मुद्दों पर 50 छोटी-छोटी कहानियों को संग्रह किया गया है. ये कहानियां भव्या सिंह ने लिखी है और इनका चित्रण जुड़वा बहन नव्या सिंह ने किया है. वे अपनी खुद की ऑनलाइन शॉप भी चलाती हैं और उससे होने वाली कमाई के प्रॉफिट समाजसेवा पर खर्च करती हैं. (National Sister Day 2022)

दोनों बहनों के बीच स्ट्रांग बॉन्डिंग: भव्या सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वे और उनकी जुड़वा बहन नव्या सिंह एक दूसरे से हर बात शेयर करती हैं. दोनों ही बहनों की हॉबी समय समय पर बदलती और बढ़ती रहती है. उन्हें पढ़ना, लिखना, कम्प्यूटर्स, डांस, सिंगिंग पसंद है. दोनों ही हमेशा कुछ ना कुछ नया करने का प्रयास करती रहतीं हैं. दोनों ही यूट्यूब चैनल के माध्यम से लड़कियों को समझाइश और सीख भी देती हैं. साथ ही भोपाल के स्कूलों में समय-समय पर जाकर लेक्चर भी देती हैं. समाजसेवा से जुड़े हर काम को लेकर दोनों बहनों के बीच स्ट्रांग बॉन्डिंग है. (Navya and Bhavya Singh)

National Sister Day 2022
नेशनल सिस्टर्स डे

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माता-पिता के प्रोत्साहन ने बनाया लेखिका: भव्या और नव्या सिंह ने बातचीत के दौरान बताया कि उनके घर में बचपन से ही ऐसा माहौल मिला जिसमें पढ़ाई, आर्ट, म्यूजिक, लिखने पढ़ने को लेकर प्रोत्साहित किया जाता था. घर में माता पिता भी बचपन से कहानियां सुनाते थे, इसलिए हमेशा से लिखने का भी शौक रहा. दोनों बहनों का बॉन्ड भी काफी मजबूत था. इसी वजह से दोनों ने सोचा कि अगर साथ में हम किताब लिखेंगे, तो हम एक टीम की तरह दिखेंगे जो हमारे रिश्ते में और मजबूती लाएगा.

खुद चलातीं हैं ऑनलाइन शॉप: दोनों बहनों ने इंस्टाग्राम पर खुद की ऑनलाइन शॉप भी शुरू की है इसका नाम रीडिंग मैजिक है. इसमें बुक्मार्क्स, टोट बैग जैसे आइटम ऑर्डर पर सेल करते हैं. इससे उन्हें जितनी भी कमाई होती है उससे होने वाला पूरा प्रॉफिट चैरिटी को दान कर देती हैं. उन्होंने अनाथ बच्चों के साथ काम किया है. जब भिंड में बाढ़ आई थी, इस दौरान उन्होंने महिलाओं को सेनेटरी पैड्स वितरित किए थे. जिसके लिए अपनी शॉप से हुई कमाई का उपयोग किया था. इस शॉप की डिजाइनिंग की जिम्मेदारी नव्या ने संभाल रखी है और सोशल मीडिया भव्या देखती हैं. (Navya and Bhavya Singh)

National Sister Day 2022
राष्ट्रीय बहन दिवस 2022

समाज को दे रहीं सेवाभाव का संदेश: एक आईपीएस अधिकारी की बेटियां होने के बाद भी दोनों बहनों को सादा जीवन जीना और दूसरों की मदद करना अच्छा लगता है, वे अपने काम में पिता का नाम जोड़ना पसंद नहीं करती. इसीलिए चैरिटी के लिए वे अपनी खुद की कमाई दान करती हैं. ये कहना कतई गलत नहीं होगा कि जिस तरह पिता आईपीएस मनोज कुमार सिंह समाज में अपराध में कमी और जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं. ठीक उसी तरह छोटी नव्या और भव्या समाज में बेहद सादगी से सेवा भाव का संदेश दे रही हैं. (National Sister Day 2022)

Last Updated :Aug 7, 2022, 7:53 AM IST
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