उपचुनाव पर रोक लगाने मांग वाली याचिका HC में खारिज, NEET की काउंसलिंग में स्थाई निवासी छात्रों को मिलती रहेगी प्राथमिकता

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Published : Sep 22, 2021, 7:54 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 8:12 PM IST

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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के लोकसभा व तीन विधानसभा के उप चुनाव कोरोना की तीसरी लहर की समाप्ति के बाद कराए जाने के लिए दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है. इसके अलावा हाई कोर्ट में मेडिकल एडमिशन रूल को चुनौती देने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि कोर्ट इस बारे में राज्य सरकार को निर्देश नहीं दे सकती.

जबलपुर। प्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर रोके लगाने की मांग करने वाली याचिका को हाईकोर्ट में खारिज हो गई. चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के सामने चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया है कि अभी इस मामले में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है, इसलिए ऐसी याचिका का कोई औचित्य नहीं है. इस मामले में कोर्ट ने कहा है कि अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव कब कराना कब नहीं, इसका फैसला चुनाव आयोग करेगा क्योकि वह एक संवैधानिक संस्था है. चुनाव के दौरान कोरोना फैलने की आशंका को लेकर यह पिटीशन फाइल की गई थी जिस पर आयोग का कहना था कि वह कोरोना गाइड लाइन के पालन को लेकर पहले ही निर्देश जारी कर चुका है.

नागरिक उपभोक्ता मंच ने दाखिल की थी याचिका

उपचुनाव को रोके जाने की मांग करने वाली जनहित याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने दाखिल की थी. जिसमें प्रदेश की एक लोकसभा व तीन विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव कराये जाने को चुनौती दी गयी थी. याचिका में कहा गया है कि राज्य चुनाव आयोग की ओर से हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग दी थी कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव कोरोना की तीसरी लहर समाप्त होने कर कराये जाएंगे. प्रदेश के स्वास्थ संचानालय द्वारा 31 जुलाई 2021 को जारी रिपोर्ट के मुताबित कोरोना का डेल्टा वैरिएंट 33 प्रतिशत तक पाए जाने और प्रदेश के 27 जिलों में डेल्टा वैरिंएट फैलने की खबरों के बीच उपचुनावों पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

NEET काउंसलिंग में स्थाई निवासी छात्रों को मिलेगी प्राथमिकता
मध्यप्रदेश में नीट पीजी काउंसलिंग में प्रदेश के स्थाई निवासी छात्रों को ही दाखिले में प्राथमिकता दी जाती रहेगी. जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश के डोमेसाईल यानि स्थाई निवासी छात्रों को दाखिलों में प्राथमिकता देने के नियम पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ प्राईवेट यूनिवर्सिटीज़ की ओर से दायर याचिका पर अपना अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि डोमिसाईल रिज़र्वेशन की संवैधानिकता पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बैंच का गठन किया गया है. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, लिहाजा हाईकोर्ट इसमें दखल नहीं देगा. इस टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ प्राईवेट यूनिवर्सिटीज़ की याचिका खारिज कर दी. आपको बता दें कि याचिका में मध्यप्रदेश मेडिकल एडमिशन रूल्स 2018 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश की मेडिकल पी.जी सीट्स डोमिसाईल छात्रों के लिए आरक्षित कर दी गईं हैं जिनमें बाहरी छात्रों को तभी दाखिला मिल सकता है जब पीजी सीट्स स्थाई निवासी छात्रों के दाखिलों के बाद बच जाएं. इसे समानता के अधिकार के खिलाफ बताकर इस नियम को अवैध करार देने की मांग की गई थी.

गांजा तस्करी मामला, सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने के निर्देश

मप्र हाईकोर्ट ने कथित गांजा तस्करी के मामले में शहडोल एसपी और कोतवाली टीआई को आरोपी बनाये जाने संबंधी मामले को काफी गंभीरता से लिया है. जस्टिस संजय द्धिवेदी की एकलपीठ ने 1अगस्त 2021 के दोपहर 1 बजे से रात्रि 11 बजे तक के सीसीटीव्ही फुटेज सुरक्षित रखे जाने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के आरोपों पर शहडोल एसपी व कोतवाली टीआई को शपथपत्र पर जवाब पेश करने के भी निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद निर्धारित की है.

Last Updated :Sep 22, 2021, 8:12 PM IST
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