मिशन 2023 के लिए election mode में congress, संगठन की मजबूती से लेकर सड़कों पर जोर आजमाइश को तैयार

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Published : Nov 25, 2021, 10:09 PM IST

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सीएम हाउस के घेराव के दौरान मचे घमासान से कांग्रेस congress ने संकेत दे दिए हैं कि वो मिशन 2023 के लिए इलेक्शन मोड election mode में आ गई है. पार्टी इसके लिए पूरा जोर लगा रही है जो संगठन के विस्तार की कवायद के साथ ही सड़क पर भी दिखाई दे रहा है.

भोपाल। सीएम हाउस के घेराव के दौरान मचे घमासान से कांग्रेस congress ने संकेत दे दिए हैं कि वो मिशन 2023 के लिए इलेक्शन मोड election mode में आ गई है. पार्टी इसके लिए पूरा जोर लगा रही है जो संगठन के विस्तार की कवायद के साथ ही सड़क पर भी दिखाई दे रहा है. पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamalnath ) के नेतृत्व में पार्टी में एक तरफ संगठन सहित सभी विंगों की समीक्षा कर नए लोगों को जोड़ने का जिम्मा दिया जा रहा है, वही कांग्रेस (congress) के बड़े नेता भी विभिन्न मुद्दों को लेकर सड़कों पर सरकार से जोर आजमाइश करते हुए दिखाई देने लगे हैं.

  • ये जो बच्चों पर चोंट के निशान हैं,
    ये शिवराज के अंत का फ़रमान है। pic.twitter.com/nk9UztbR6L

    — MadhyaPradesh Congress (@INCMP) November 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
शुरू हुआ पार्टी और संगठन को मजबूत करने का दौरकांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा कहते हैं कि हमारा लक्ष्य 2023 election चुनाव है. इसके लिए मध्य प्रदेश Madhya Pradesh की फासीवादी सरकार के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करना जरूरी हो गया है. दूसरी तरफ पीसीसी चीफ कमलनाथ लगातार कांग्रेस के सभी अनुषांगिक संगठनों के साथ बैठकें कर योजना और रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं. मिश्रा ने कहा कि बैठकें, प्रदर्शन और सड़कों पर संघर्ष अब लगातार जारी रहेगा.

उपचुनाव में हार पर हुआ मंथन

कांग्रेस अपने संगठन को मजबूत करने की कवायद के साथ ही प्रदेश में हुए उपचुनाव की हार पर मंथन भी कर चुकी है. इसके साथ ही सदस्यता अभियान और जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने को लेकर भी चर्चाओं का दौर जारी है. महिला कांग्रेस की बैठक में खुद कमलनाथ कार्यकर्ताओं को साफ तौर पर ये निर्देश दे चुके हैं कि विधानसभा चुनाव के लिए 2 साल से भी कम समय बचा है इसलिए संगठन को सक्रिय करें. पार्टी ऐसे कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाए,जो संगठन को पूरा समय दे सकें. आदिवासी विधायकों के साथ हुई बैठक में कमलनाथ ने आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए अधिक से अधिक लोगों को कांग्रेस के साथ जोड़ने की बात कही. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी कांग्रेस के विभिन्न विंगों में वर्षों से जमे हुए पदाधिकारियों को हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं.

सड़क पर भी जोर आजमाइश

इलेक्शन मोड में आ चुकी कांग्रेस के बड़े नेता भी सत्ता को चुनौती देते हुए सड़क पर जोश आजमाइश करते नजर आ रहे हैं. पिछले 1 हफ्ते से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता काफी सक्रिए नजर आ रहे हैं.

- बीती हफ्ते में पहले महिला कांग्रेस ने भोपाल में जन जागरण यात्रा निकाली जिसको पीसीसी चीफ कमलनाथ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

- पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा नेता और विधायक रामेश्वर शर्मा के खिलाफ हमला बोलते हुए मिंटो हॉल से राजभवन चौक तक पैदल मार्च किया और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ रामधुन गायी.

- गुरुवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान के तहत छात्रों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया. इस प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज भी हुआ, लेकिन कांग्रेस लगातार सड़कों पर उतर कर जनता के मुद्दों पर सरकार को घेरने में लगी हुई है.

पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशियों का पैनल तैयार
पंचायत और स्थानीय निकाय के चुनाव की भी तैयारी प्रदेश कांग्रेस में जारी बैठकों और फीडबैक के साथ ही कमलनाथ ने सभी पदाधिकारियों को पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटने के निर्देश दे दिए हैं।इसके साथ ही कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के पैनल भी तैयार कर लिए हैं.

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