भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस प्रदेश में पकड़े जाने वाले अवैध हथियारों की खरीद फरोख्त (mp illegal arms supply stronghold)और इन्हें सप्लाई करने वाले लोगों की तह तक जाएगी. इस जांच की पूरी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय की सीआईडी को सौंपी जाएगी. इसे लेकर सभी पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी कर दिए गए हैं. आदेश के मुताबिक अवैध हथियार के साथ किसी को भी पकड़े जाने के बाद पुलिस को यह भी पता लगाना होगा कि उसने यह अवैध हथियार कहां से खरीदा और उसे बेचने वाला कौन था. ऐसा करने के पीछे पुलिस का मकदस अवैध हथियार बनाने और सप्लाई करने वाली लिंक को खोजकर उसे खत्म करना है.
CID रहेगी नोडल एजेंसी
डीजीपी विवेक जौहरी के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं, कि अवैध हथियारों के मामले में सीआईडी नोडल एजेंसी रहेगी. यदि जिले में कोई भी व्यक्ति अवैध हथियार के साथ पकड़ा जाता है तो पुलिस को उसकी तह तक जाना होगा. जैसे अवैध हथियार कहां से खरीदा है. बेचने वाले को अरेस्ट कर , अवैध हथियार सप्लाई करने वाले और फिर मैन्यूफैक्चर्स तक पहुंचकर उसे लिंक को ही खत्म करना होगा. निर्देशों में यह भी कहा गया है कि पुलिस इसके लिए छापामार कार्रवाई भी कर सकती है.छापामार कार्रवाई के दौरान यदि कोई रूकावट आती है तो उसके खिलाफ बल प्रयोग भी किया जा सकता है. यदि अवैध हथियार फैक्ट्री से बने हुए हैं, तो वहां से हथियार देशभर में कहां कहां सप्लाई हुए हैं उसका पता लगाना होगा. हथियार चोरी का है यह भी पता लगाना होगा. इसके अलावा अवैध हथियारों के मामले में गिरफ्तार हुए व्यक्ति और मामले में हुई कार्रवाई की पूरी जानकारी सीआईडी को देनी होगी.
अवैध हथियारों की सप्लाई का केंद्र बनता जा रहा है एमपी
अवैध हथियारों की तस्करी के बीते दिनों में सामने आए मामलों को देखते हुए कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश अवैध हथियारों की सप्लाई का बड़ा केन्द्र बनता जा रहा है.
- मध्यप्रदेश में बने अवैध हथियार दिल्ली एनसीआर, उत्तरप्रदेश, बिहार जैसे राज्यों तक में सप्लाई हो रहे हैं.
- दूसरे राज्यों में पकड़े जा रहे अवैध हथियारों का भी एमपी कनेक्शन निकल रहा है.
- एनसीआरबी 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में 10 हजार 841 अवैध हथियार और 2733 गोलियां बरामद हुई हैं.
- अवैध हथियार के मामले में उत्तरप्रदेश के बाद मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है.
इसे देखते हुए एमपी पुलिस ने अब अपनी स्ट्रेटेजी बदली है. अभी तक आमतौर पर पुलिस अवैध हथियार के मामले में आरोपी को गिरफ्तार करती थी, लेकिन नए निर्देशों के तहत पुलिस अब अवैध हथियारों की सप्लाई चैन को ब्रेक करने के साथ ही अवैध हथियारों की फैक्ट्री पर भी कार्रवाई करनी होगी. इसके लिए पुलिस को और अधिक अधिकार भी दिए गए हैं.