mp student union election: छात्रसंघ चुनावों पर कोरोना का साया, इस साल भी नहीं होंगे चुनाव, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का बयान

author img

By

Published : Aug 6, 2022, 6:20 PM IST

minister mohan yadav statement

उच्चशिक्षा मंत्री मोहन यादव ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में इस साल भी छात्रसंघ के चुनाव नहीं होंगे. यादव ने कहा कि अभी कोरोना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कोरोना की थर्ड वेब का अंदेशा भी जताया.

भोपाल। मध्य प्रदेश में छात्रसंघ चुनावों पर से अभी कोरोना का साया हटा नहीं है. उच्चशिक्षा मंत्री मोहन यादव ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में इस साल भी छात्रसंघ के चुनाव नहीं होंगे. यादव ने कहा कि अभी कोरोना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कोरोना की थर्ड वेब का अंदेशा भी जताया. ऐसे में जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती चुनाव कराना उचित नहीं होगा. मंत्री का बयान सामने आते ही छात्र संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं. छात्र संघ चुनाव कराए जाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं.

निकाय चुनाव हुए तो छात्रसंघ चुनाव क्यों नहीं: उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव शुक्रवार को उज्जैन में थे. यहां उन्होंने कोरोना का हवाला देते हुए फिलहाल छात्रसंघ चुनाव न कराए जाने की बात कही. जिसपर छात्र संगठन नाराज हैं. उनका कहना है कि जब पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव हो सकते हैं तो, छात्रसंघ के चुनाव क्यों नहीं कराए जा सकते. चुनाव कराए जाने का समर्थन करते हुए छात्र संगठन हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं. छात्र संगठनों की मांग प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए जाने की भी है, हाल ही में इसी मांग को लेकर छात्र युनियनों ने बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के गेट पर बड़ा प्रदर्शन करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान का पुतला जलाया था. छात्र संगठनों का कहना है कि कुछ दिन पहले ही जब पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव हो सकते है तो छात्रसंघ चुनाव क्यों नहीं. हाल ही में एमपी में पंचायत और निकाय चुनाव समपन्न हुए हैं.

NSUI का आरोप हार से डरती है सरकार: प्रदेश में 8 सरकारी आठ यूनिवर्सिटी 1327 प्राइवेट और सरकारी कॉलेज हैं. राज्य सरकार ने 5 साल पहले 2017 में कॉलेजों में अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए थे. छात्र संगठनों ने चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने की मांग की थी जिसे सरकार ने इसे खारिज कर दिया गया था. अब एक बार फिर।लगातार तीसरे साल छात्रसंघ चुनाव टालने से छात्र निराश हैं. कांग्रेस की छात्र संघ ईकाई NSUI के पदाधिकारी शिवराज सरकार को डरपोक बताते हुए कहते हैं कि सरकार को चुनावों में हार का डर है इसलिए वह चुनाव को टालने की कोशिश कर रही है. यही वजह है कि सरकार प्रदेश में निष्पक्ष, प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव करवाने की मांग नहीं मानती है.

ABVP ने लिखा उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र: बीजेपी से जुड़ी छात्र संघ ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय संगठन मंत्री प्रवीण शर्मा ने बताया कि ABVP कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की मांग की है. इसके अलावा पार्टी के दूसरे नेताओं को भी पत्र लिखा है. जिसमें प्रत्यक्ष प्रणाली से जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की गई है. मध्य प्रदेश में 2017 में अप्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव कराए थे, जबकि प्रत्यक्ष प्रणाली से 2003 में चुनाव हुए थे. जिसके बाद से छात्र संगठन बीते 19 साल से लगातार प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए जाने की मांग कर रहे हैं.

क्या है चुनाव की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रणाली: प्रत्यक्ष प्रणाली के तहत अलग-अलग पदों के लिए कॉलेज के स्टूडेंट नामांकन दाखिल करते हैं. जिसके बाद आम चुनाव की तरह ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सहसचिव जैसे पदों के लिए चुनाव में खड़े हुए प्रत्याशियों के लिए मतदान किया जाता है. जीते हुए पदाधिकारी कॉलेज, यूनिवर्सिटी की कार्यकारिणी का गठन करते हैं.

प्रणाली चुनाव : इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सहसचिव समेत अन्य पदों के उम्मीदवारों के लिए मतदान नहीं होता. इसमें हर क्लास से एक सीआर (क्लास रिप्रेजेंटेटिव-सीआर) नॉमीनेट किया जाता है. ये सीआर ही विभिन्न पदों के चुनाव लड़ते हैं और वोटिंग करते हैं. जिसे जितने ज्यादा सीआर का वोट मिलता है उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.