हमीदिया हादसे में 4 अफसरों पर गिरी गाज, डॉक्टर मरावी को बनाया नया अधीक्षक
Updated on: Nov 10, 2021, 8:52 PM IST

हमीदिया हादसे में 4 अफसरों पर गिरी गाज, डॉक्टर मरावी को बनाया नया अधीक्षक
Updated on: Nov 10, 2021, 8:52 PM IST
कमला नेहरू अस्पताल में ( Hamidia Hospital Fire Accident)आग लगने और कुछ बच्चों के मरने के बाद विभाग ने सख्त एक्शन लिया है. सरकार ने तीन अफसरों को पद से हटा दिया है, जबकि एक को निलंबित कर दिया है.हमीदिया में डॉक्टर मरावी को अधीक्षक बनाया गया है. वे पहले भी अधीक्षक रहे हैं . विवादों के चलते मरावी को हटाया गया था
भोपाल। कमला नेहरू अस्पताल में हुए अग्निकांड के केस में चार अफसरों पर गाज गिरी है. गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन जीतेन्द्र शुक्ल को हटा दिया गया है(4 officers removed ). हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ लोकेन्द्र दवे की भी छुट्टी कर दी गई है. (Hamidia Hospital Fire Accident)कमला नेहरू अस्पताल के संचालक के.के. दुबे को भी पद से हटा दिया गया है. साथ ही CPA विद्युत विंग के उपयंत्री अवधेश भदौरिया को सस्पेंड कर दिया गया है.
तीन अफसरों को हटाया, एक सस्पेंड
इस अग्निकांड में 10 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. सोमवार रात को कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में आग लग गई थी. इस घटना को सीएम शिवराज सिंह ने भी गंभीरता से लिया था. उन्होंने इस आपराधिक लापरवाही बताया था. (4 officers removed )उन्होंने साफ कहा था कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. और अब सरकार ने 3 अफसरों को पद से हटा दिया है,जबकि एक को निलंबित कर दिया है.
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4 अफसरों पर गिरी गाज, सीएम ने लिया सख्त एक्शन
हमीदिया हाॅस्पिटल के कमला नेहरू गैस राहत हाॅस्पिटल में आगजनी की घटना में राज्य शासन ने जीएमसी के डीन और हाॅस्पिटल अधीक्षक सहित 3 अधिकारियों को पद से हटा दिया है, जबकि एक अफसर को निलंबित कर दिया है. घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में सीएम ने इसके निर्देश दिए. बैठक में निर्णय लिया गया कि अब मेडिकल एजुकेशन विभाग का अपना अलग सिविल बिंग होगा, जो मेडिकल काॅलेज और उससे संबंध अस्पताल का मेंटीनेंस करेगा. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि जिला स्तर पर कलेक्टर अगले दस दिनों में अस्पतालों का सेफ्टी ऑडिट करेंगे.
इन अधिकारियों पर गिरी गाज
- गांधी मेडिकल काॅलेज के डीन जितेन्द्र शुक्ला
- हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक लोकेन्द्र दवे
- गैस राहत विभाग के संचालक केके दुबे
- सीपीए विद्युत विंग के उपयंत्री अवधेश भदौरिया
मेडिकल काॅलेजों का अलग सिविल विंग होगा
बैठक में तय किया गया है कि अब प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों का अपना अलग सिविल विंग होगा. यह बिंग सभी मेडिकल काॅलेज और इससे संबद्ध सभी अस्पतालों का मेंटीनेंस करेगा. अभी तक यह काम सीपीए द्वारा किया जा रहा था. घटना के बाद तत्काल प्रभाव से मेंटीनेंस का काम सीपीए से वापस लेकर पीडब्ल्यूडी को सौंपा गया है. मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि फिलहाल पीडब्ल्यूडी को यह काम अस्थाई तौर पर दिया गया है. सिविल विंग के गठन के साथ यह पूरा काम उसे सौंप दिया जाएगा.
ऑडिट की जिम्मेदारी कलेक्टरों को सौंपी
घटना के बाद राज्य शासन ने प्रदेश भर के सभी सरकारी और निजी हाॅस्पिटल के फायर सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए थे. बैठक में मुख्यमंत्री ने ऑडिट की जिम्मेदारी जिला स्तर पर कलेक्टर को सौंप दी है. कलेक्टर अगले 10 दिनों में जिले के सभी सरकारी, निजी और मेडिकल काॅलेजों का फायर ऑडिट कराकर इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे.
फिर नहीं होंगी ऐसी घटनाएं
मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि जल्द ही एक्सपर्ट के साथ मिलकर चर्चा की जाएगी ,कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और क्या कदम उठाए जा सकते हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन की लाइनें डाली गई हैं. इसको देखते हुए सेफ्टी को और बढ़ाए जाने की जरूरत है.
