नई दिल्ली : जापान की दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनी यामाहा भारत में इलेक्ट्रिक वाहन श्रेणी में कदम रखने से पहले चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और बैटरी उत्पादन जैसे कारकों की बारीकी से समीक्षा कर रही है. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी.
कंपनी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की सफलता पूरी तरह से बड़े पैमाने पर ग्राहकों की रूचि या स्वीकृति पर निर्भर करती है, जो बुनियादी ढांचे, चार्जिंग स्टेशनों और बैटरी उत्पादन की उचित उपलब्धता के साथ ही संभव है.
यामाहा मोटर इंडिया के अध्यक्ष मोटोफुमी शितारा ने कहा, 'हम ईवी की मांग को मजबूत करने के लिए राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई नई ईवी नीतियों का स्वागत और सराहना करते हैं, लेकिन निवेश से जुड़ी बड़ी चुनौतियां हैं.'
पढ़ें :- इलेक्ट्रिक वाहनों पर भारत की नीतियां व कार्यक्रम 'छूटे हुए अवसरों का मामला' : सीएसई
उन्होंने कहा, 'हम भारतीय बाजार में अपने किसी भी उत्पाद को पेश करने से पहले मूल्य निर्धारण, प्रदर्शन और बुनियादी ढांचे जैसे कारकों पर विचार कर रहे हैं.'
शितारा ने कहा कि फसीनो 125 एफआई हाइब्रिड और आरएवायज़ेदार 125 एफआई हाइब्रिड भारतीय बाजार के इलेक्ट्रिक वाहन श्रेणी में प्रवेश करने की दिशा में कंपनी का पहला कदम है.
(पीटीआई-भाषा)