Sony-Zee विलय में आया ट्विस्ट, इन्वेस्को एमडी गोयनका को हटाने की मांग पर अडिग

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Published : Sep 26, 2021, 12:57 AM IST

Updated : Sep 26, 2021, 1:05 AM IST

Sony-Zee विलय

जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स के विलय में अड़चन आ गई है. जी एंटरटेनमेंट की शेयरहोल्डर कंपनी 'इन्वेस्को' ने विलय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के संकेत दिए हैं. इन्वेस्को जी एंटरटेनमेंट के एमडी पुनीत गोयनका को हटाने की अपनी मांग पर कायम है.

नई दिल्ली : जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 22 सितंबर को सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ विलय की घोषणा की थी. एंटरटेनमेंट जगत के इस बड़े विलय की प्रक्रिया में नया ट्विस्ट आ गया है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जी एंटरटेनमेंट में हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी 'इन्वेस्को' इस विलय के खिलाफ है.

जी एंटरटेनमेंट में इन्वेस्को की 18 फीसदी हिस्सेदारी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन्वेस्को ने सोनी और जी एंटरटेनमेंट के विलय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ही है. इन्वेस्को ने जी एंटरटेनमेंट में दो स्वतंत्र निदेशकों और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) पुनीत गोयनका को हटाने की मांग की थी. दो स्वतंत्र निदेशकों ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन पुनीत गोयनका पद पर बने हुए हैं.

वहीं, जी एंटरटेनमेंट के बोर्ड ने कंपनी के विलय के लिए मंजूरी दे दी है. पुनीत गोयनका विलय के बाद बनने वाली कंपनी के एमडी और सीईओ बने रहेंगे.

विलय की घोषणा के बाद इन्वेस्को ने असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में नए पुनर्गठित बोर्ड बनाने और एमडी व सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने की मांग की है.

ईजीएम में इन्वेस्को की मांग जी एंटरटेनमेंट और सोनी गैर-बाध्यकारी विलय घोषणा की शर्तों के विपरीत है, जिसमें गोयनका को एमडी व सीईओ के पद पर बरकरार रखा गया है.

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के निदेशक मंडल को 23 सितंबर को लिखे एक पत्र में, इन्वेस्को ने गैर-बाध्यकारी विलय की घोषणा का उल्लेख किया है. इन्वेस्को ने कहा है कि 22 सितंबर की कंपनी की विलय की घोषणा अनिश्चित तरीके से उठाया गया कदम है जिसमें कंपनी द्वारा महत्वपूर्ण और गंभीर निर्णय लिए गए हैं.

बता दें, प्रमुख मीडिया फर्म जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स ने 22 सितंबर को घोषणा की थी कि उन्हें विलय के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत दोनों कंपनियों के लाइनर नेटवर्क, डिजिटल संपत्ति, निर्माण परिचालन और कार्यक्रम लाइब्रेरी एक साथ हो जायेंगी. इसके साथ ही जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेस लिमिटेड (जील) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुनीत गोयनका विलय के बाद बनी इकाई का नेतृत्व करेंगे.

सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (एसपीएनआई) ने एक बयान में कहा था कि कि इस विलय से भारत की दो प्रमुख मीडिया नेटवर्क व्यवसाय वाली कंपनियां एक साथ आ जायेंगी. इसका देशभर में फिल्म से लेकर खेल कूद की दुनिया में उपभोक्ताओं को फायदा होगा.

समझौते के मुताबिक एसपीएनआई के शेयरधारकों की विलय के बाद बनने वाली कंपनी में बहुमत हिस्सेदारी होगी. सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया की मूल कंपनी सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट आगे और निवेश करेगी, ताकि एसपीएनआई के पास लगभग 1.575 अरब अमेरिकी डॉलर का नकद अधिशेष उपलब्ध हो.

जील के अनुसार जील और एसपीएनआई के मौजूदा अनुमानित इक्विटी मूल्यों के आधार पर, जील के पक्ष में सांकेतिक विलय अनुपात 61.25 प्रतिशत है. एसपीएनआई में वृद्धि पूंजी के प्रस्तावित निवेश के बाद नई इकाई में जील की हिस्सेदारी 47.07 प्रतिशत और शेष 52.93 प्रतिशत हिस्सेदारी एसपीएनआई के पास रहने की उम्मीद है.

सौदे की शर्तों के मुताबिक, विलय के बाद बनी कंपनी के बोर्ड में बहुसंख्यक सदस्य सोनी द्वारा नामित किए जाएंगे, जबकि पुनीत गोयनका इसका नेतृत्व करेंगे.

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जील ने एक बयान में कहा था कि 21 सितंबर को हुई कंपनी की बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से एसपीएनआई और कंपनी के विलय को सौद्धान्तिक मंजूरी दी गई. विलय के बाद बनी कंपनी भारत में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होगी.

इसके अलावा सौदे की शर्तों के तहत प्रवर्तक सुभाष चंद्रा परिवार अपनी हिस्सेदारी को मौजूदा चार प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक कर सकता है. चंद्रा ने कर्ज चुकाने के लिए जी में अपनी हिस्सेदारी बेची थी.

Last Updated :Sep 26, 2021, 1:05 AM IST
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