असम सरकार ने असम-मेघालय सीमा पर हुए संघर्ष की एनआईए या सीबीआई जांच की मांग की
Updated on: Nov 23, 2022, 3:53 PM IST

असम सरकार ने असम-मेघालय सीमा पर हुए संघर्ष की एनआईए या सीबीआई जांच की मांग की
Updated on: Nov 23, 2022, 3:53 PM IST
बीते दिन असम-मेघालय सीमा पर वन अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई थी, जिसके दौरान पांच ग्रामीणों के साथ एक वन अधिकारी की मौत हो गई. अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिसवा सरमा ने इस मामले की सीबीआई या एनआईए जांच की मांग की है.
नई दिल्ली: असम-मेघालय सीमा पर मंगलवार को वन अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प की असम सरकार ने एनआईए या सीबीआई जांच की मांग की है. झड़प में पश्चिम खासी हिल्स जिले के पांच ग्रामीणों और असम के एक वन अधिकारी सहित छह लोगों की मौत हो गई है. सरमा ने यहां नई दिल्ली में लचित बरफुकन की 400वीं जन्म शताब्दी समारोह के मौके पर कहा कि 'कुछ अकारण फायरिंग भी हुई, जिस पर आसानी से काबू पाया जा सकता था.'
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह घटना सीमा विवाद से संबंधित नहीं है. राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिसवा सरमा ने कहा, 'मैं आपको बता दूं कि यह सीमा विवाद से संबंधित नहीं था. यह लकड़ी के मुद्दे पर वन रक्षकों और ग्रामीणों के बीच की झड़प थी.' यह घटना ऐसे समय में हुई जब असम और मेघालय सरकार दोनों राज्यों के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत कर रही थी. सरमा ने कहा, 'हमने पहले ही घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं और सभी जिम्मेदार लोगों को निलंबित कर दिया है.'
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सरमा ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही पीड़ितों के परिजनों के लिए आर्थिक मुआवजे की घोषणा कर दी है. हिमंत ने कहा, 'ग्रामीणों ने लकड़ियों को काटा और उन्हें एक ट्रक में ले जा रहे थे. जब वन अधिकारियों ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया, तो आसपास के गांवों के लोग भिड़ गए और बाद के टकराव और झड़प में पांच ग्रामीणों की मौत हो गई.' मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वह सीमावर्ती क्षेत्रों में हुई झड़प को लेकर मेघालय के अपने समकक्ष कोनराड संगमा के साथ लगातार संपर्क में हैं.
