अंधविश्वास का दंश: लोगों ने गांव में नहीं करने दिया शव का अंतिम संस्कार, जानिए क्या है माजरा

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Published : Sep 24, 2022, 1:05 PM IST

Superstition In Chaibasa

चाईबासा में अंधविश्वास (superstition in Chaibasa) का दंश ऐसा कि एक शव को मुक्ति नहीं मिल पा रहा है. पूरा मामला कराईकेला थाना क्षेत्र के राइबेड़ा गांव का है. यहां एक व्यक्ति की तालाब में डूबने से मौत हो गई. लेकिन ग्रामीणों ने गांव में अंतिम संस्कार पर (people stop relatives to last rites of body) लगा दी.

चाईबासा: जिला में अंधविश्वास (Superstition In Chaibasa) की जड़े आज भी काफी मजबूत हैं. इसका जीता जागता उदाहरण पश्चिमी सिंहभूम जिला में देखने को मिला. जिला के कराईकेला थाना क्षेत्र (Karaikela Police Station Area) के गांव राइबेड़ा का ये मामला है. गांव के भोद्रो बोदरा की तालाब में डूबने से मौत हो गई. परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी की लेकिन अंधविश्वासी ग्रामीणों ने कहा कि तालाब में भूत है और भूत ने ही इसे तालाब में डूबाकर मर दिया है. इसलिए इसका अंतिम संस्कार गांव में नहीं होने दिया (people stop relatives to last rites of body) जाएगा.

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गांव में नहीं होने दिया अंतिम संस्कार: मृतक के परिजन लाख समझाते रहे लेकिन ग्रामीणों ने गांव में अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. अंत में पंचायत के मुखिया व परिजनों ने शव को चक्रधरपुर शहर में लाकर अंतिम संस्कार किया. घटना गुरुवार की है, राइबेड़ा गांव के भोद्रो बोदरा दिन के करीब 11 बजे तालाब में नहाने गया था. उसी तालाब में नहाने के क्रम में उसकी मौत डूबने से हो गई. काफी देर तक जब वो घर नहीं लौटा तो भोद्रो के परिजन उसकी खोजबीन करने लगे. कपड़े समेत दूसरे सामान तालाब के किनारे दिखाई दिया, उसके बाद करीब शाम के चार बजे शव पानी (Man Died Due to Drowning in Pond) में दिखाई पड़ा.

तालाब में शव की सूचना पुलिस को दी गयी. लेकिन रात होने के कारण पुलिस मौके पर नहीं पहुंची. उसी समय गांव वालों ने कह दिया कि गांव में अंतिम संस्कार नहीं करने देंगे. इसके बाद आज शनिवार को शव का पोस्टमार्टम कर चक्रधरपूर में मुखिया कुश पूर्ति की मदद से शव का अंतिम संस्कार कराया गया.

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