चाईबासा: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने चाईबासा जेल में 30 वर्षीय मुरली लागुरी की मौत के मामले में संज्ञान लिया (Death of prisoner in Chaibasa Jail) है. इसे लेकर आयोग के सहायक रजिस्ट्रार कानून के देवेंद्र कुंद्रा ने पश्चिमी सिंहभूम के जिला उपायुक्त, चाईबासा पुलिस अधीक्षक और जेल अधीक्षक को ई-मेल प्रेषित किया है. जिसमें 8 सप्ताह का समय देते हुए आयोग के दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है.
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बता दें कि मुरली लागुरी जिले के टोंटो थाना क्षेत्र में हत्या के मामले में वर्ष 2020 से जेल में बंद था. बीते 9 सितंबर को चाईबासा जेल में उसकी मौत का मामला सामने आया था. उस दौरान जेल की छत से कूदकर उसकी आत्महत्या करने की बात सामने आई थी. हालांकि यह बात भी दबी जुबान सामने आने लगी थी कि मुरली ने जेल से भागने की कोशिश की थी. उसी दौरान उसने ड्यूटी पर तैनात पुलिस जवानों के साथ मारपीट भी की थी. उसके बाद क्या हुआ था, उसे लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे थे. सबसे बड़ा सवाल यह था कि मुरली छत पर कैसे पहुंचा. उसने छत से कूदकर आत्महत्या की या फिर किसी अन्य कारण से उसकी मौत हुई. इन सारी बातों की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. इस बीच न्यू चक्रधरपुर के बैरम खान की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले को संज्ञान में ले लिया है.