सिमडेगा में खुशबू बड़ाइक का स्वागत, ईस्ट जोन एथलेटिक्स प्रतियोगिता में जीते दो पदक

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Published : Sep 18, 2022, 11:54 AM IST

Khushboo Baraik reached Simdega after winning medals in East Zone Athletics Competition

सिमडेगा में खुशबू बड़ाइक का स्वागत किया गया. एथलीट खुशबू बड़ाइक ने पटना में आयोजित 33वीं ईस्ट जोन एथलेटिक्स प्रतियोगिता में पदक जीता और पहली बार सिमडेगा अपने गांव (Khushboo Baraik reached Simdega) पहुंची.

सिमडेगाः 33वीं ईस्ट जोन एथलेटिक्स प्रतियोगिता में झारखंड की टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए एथलीट खुशबू बड़ाइक ने दो पदक हासिल (winning medals in East Zone Athletics) किया. प्रतियोगिता संपन्न होने के बाद खुशबू बड़ाइक सिमडेगा अपने गांव पहुंचीं. जहां परिवार के साथ गांव वालों ने उनका जोरदार स्वागत (Khushboo Baraik reached Simdega) किया.

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इस मौके पर खुशबू बड़ाइक से मिलने हॉकी सिमडेगा अध्यक्ष मनोज कोनबेगी (Hockey Simdega President Manoj Konbegi) उसके घर पहुंचे. एथलेटिक्स प्रतियोगिता में पदक जीतने पर खुशबू को बधाई दी, उसका हौसला बढ़ाया और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की. इसके साथ ही परिवार वालों से मिलकर उसकी वास्तविक स्थिति से रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि आप लगातार मेहनत करते जाएं. आपकी जो समस्याएं हैं, इसके लिए वो प्रयासरत हैं कि कुछ बहुत मदद मिल जाए. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि आप अपनी वास्तविक स्थिति को इमानदारी पूर्वक लिखते हुए एक आवेदन जिला खेल पदाधिकारी सिमडेगा को दें. किसी भी खिलाड़ी के विकास और मदद के लिए सरकार ने अब सभी जिला में खेल पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं.



10 से 12 सितंबर तक पटना में आयोजित 33वीं ईस्ट जोन एथलेटिक्स प्रतियोगिता 2022 (East Zone Athletics Competition) में झारखंड टीम से सिमडेगा के तीन महिला खिलाड़ियों ने प्रतिनिधित्व किया था. जिसमें तीनों ही खिलाड़ियों ने मिलकर कुल 5 पदक जीतकर सिमडेगा जिला का सम्मान बढ़ाया. इन खिलाड़ियों में 3000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक, 4X100 मीटर रिले रेस में रजत पदक प्राप्त करने वाली पूरनापानी सिमडेगा की खुशबू बड़ाइक कई विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद भी हार ना मानते हुए प्रतियोगिता में भाग ली.

खुशबू बड़ाइक काफी निर्धन परिवार से आती हैं. जिस कारण परिवार वाले उसके खेल के लिए होने वाले खर्च वहन नहीं कर पाते हैं. बड़ी बहन दिल्ली में दूसरों के घरों में काम कर खुशबू की ट्रेनिंग का खर्च उठाती हैं पर खेल के लिए किट वैगरह खरीद पाने में असमर्थ है. इस प्रतियोगिता में जाने से पूर्व भी खुशबू के जूते फट चुके थे. एक दोस्त की स्पाइक शू मांगकर और फटे जूते की सिलाई कर वो इस प्रतियोगिता में भाग ली और दो-दो पदक भी प्राप्त की. 16 सितंबर को पदक जीतकर खुशबू पहली बार सिमडेगा आई. जहां परिवार वालों के साथ गांव वालों ने उसका स्वागत किया.

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