साहिबगंज में बहेगी दूध की नदी! 38 करोड़ रुपए होंगे खर्च

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Published : Dec 27, 2019, 5:40 PM IST

dairy plant in sahibganj

झारखंड के साहिबगंज जिले में 38 करोड़ रुपए की लागत से डेयरी प्लांट बन रहा है. इसे 6 महीने के अंदर तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा. इसके बाद जिले में 2 लाख लीटर तक दूध की प्रोसेसिंग हो सकेगी.

साहिबगंज: झारखंड के साहिबगंज जिले के लिए अच्छी खबर है. यहां 38 करोड़ रुपए की लागत से गोशाला की जमीन पर डेयरी प्लांट बनाया जा रहा है. 2 लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग क्षमता वाले इस प्लांट को 6 महीने के अंदर तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा. डेयरी प्लांट के बनने से जिले और आस पास के मवेशी पालकों में खुशी की लहर है.

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साहिबगंज की गिनती पिछड़े जिलों में होती है और यहां कोई उद्योग धंधा नहीं है. इस जिले में दूध उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है लेकिन खरीदार नहीं मिलने पर मवेशी पालकों को काफी परेशानी होती है. जिले के लाल बथानी, महादेवगंज, डिहारी, पुरानी साहिबगंज, रामपुर दियारा, बखारपुर और रामपुर सहित कई गांव के लोग दूध बेचकर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं. दूध की सही कीमत नहीं मिलने पर ये न तो अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा पाते हैं और ना ही अपने मवेशियों को भरपेट चारा खिला पाते हैं.

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मवेशी पालकों को लाभ
किसानों के अनुसार डेयरी प्लांट में दूध की सही कीमत मिलेगी और एकमुश्त पैसा मिलने से बचत भी होगी. फिलहाल गाय का दूध 35 रुपए और भैंस का दूध 40 रुपए प्रति लीटर की दर से बिकता है. डेयरी प्लांट में दूध के लिए सही दाम दिया जाएगा. डेयरी खुलने से यहां का दूध झारखंड के अलावा, बिहार, बंगाल और नेपाल तक भेजा जा सकेगा.

ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार
केंद्र सरकार साहिबगंज को आकांक्षी जिला घोषित कर चुकी है और इसके विकास के लिए हर साल करीह 50 करोड़ रुपए दिए जाते हैं. इसी कड़ी में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से डेयरी प्लांट बनया जा रहा है. स्थानीय विधायक अनंत ओझा ने बताया कि जब तक ग्रामीण अर्थव्यवस्था ठीक नहीं होगी और ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिलेगा, तब तक जिले और राज्य का विकास नहीं होगा.


डेयरी प्लांट साहिबगंज का कायाकल्प कर सकता है. आने वाले समय में दूध उत्पादन में ये जिला अव्वल जिलों में शामिल हो जाएगा और यहां के लोगों का चौमुखी विकास होगा.

Intro:डेयरी प्लांट से मवेशी पालक में खुशी की लहर। दूध की कीमत और मांग में होगा इजाफा। झारखण्ड का दूध उत्पादन में निर्यातक जिला बनेगा। स्वेत क्रांति का मिशाल होगा डेयरी प्लांट।
जिला का गौशाला के जमीन पर 38 करोड़ की लागत से डेहरी प्लांट बन रहा है।। 6 महीना के अंदर डेयरी प्लांट बनकर जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा। इस डेयरी प्लांट की क्षमता 50 हजार क्षमता से लेकर दो लाख क्षमता तक होगा। मवेशी पालक में खुशी की लहर।

नोट- स्पेशल स्टोरी




Body:डेयरी प्लांट से मवेशी पालक में खुशी की लहर। दूध की कीमत और मांग में होगा इजाफा। झारखण्ड का दूध उत्पादन में निर्यातक जिला बनेगा। स्वेत क्रांति का मिशाल होगा डेयरी प्लांट।
स्पेशल स्टोरी--साहिबगंज-- झारखंड का साहिबगंज जिला पिछड़ा जिला है यहां कोई भी उद्योग धंधा नहीं है यहां के लोगो का प्रति ब्यक्ति आय बहुत कम है। इस जिला में दूध उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है लेकिन दूध का उचित दाम नहीं मिलने पर मवेशी पालको को काफी परेशानी होती है ठीक तरह से ना तो अपना परिवार चला पाते हैं और ना ही मवेशी को भरपेट भोजन खिला पाते हैं इसलिए केंद्र सरकार ने इस जिला को आकांक्षी जिला घोषित कर चुकी है प्रत्येक वर्ष 50 करोड़ रुपया इस क्षेत्र के विकास करने के लिए देती है।
इस कड़ी में जिला के गौशाला के जमीन पर 38 करोड़ की लागत से डेहरी प्लांट बन रहा है।। 6 महीना के अंदर डेयरी प्लांट बनकर जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा इस डेयरी प्लांट की क्षमता 50 हजार क्षमता से लेकर दो लाख क्षमता तक होगा।
जिला का ग्रामीण क्षेत्र लाल बथानी ,किशन प्रसाद, महादेवगंज, डिहारी,पुरानी साहिबगंज, रामपुर दियारा ,बखारपुर , रामपुर सहित कई गांव में लोग दूध बेचकर बेचते हैं और अपना परिवार का जीविकोपार्जन चलाते हैं लेकिन दूध का सही कीमत नहीं मिले पर इनका प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है ठीक तरह से अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ा पाते हैं और ना ही अपन मवेशी को भरपेट भोजन खिला पाते हैं।
किसानों में खुशी का माहौल है कि इस डेरी प्लांट से और हमारा अच्छे दिन आएंगे दूध का सही कीमत मिलेगा दो पैसे की बचत होगी और धीरे-धीरे एक दो गाय से बढ़ाकर मवेशी का खटाल खोलेंगे और अधिक से अधिक दूध बेचेंगे और दूध का एकमुश्त में पैसा मिलने से हम मवेशी पालक को अधिक फायदा होगा।
किसान का कहना है हम लोग दूध पानी का भाव में बेच देते हैं गाय का दूध 35 रूपया और भैंस का दूध 40 रूपया प्रति लीटर की दर से बाजार में बेचते हैं कभी ऐसा ही स्थिति होता है कि हमारा दूध बिक्री नहीं हो होता है जब आम का सीजन आता है तो हमारा दूध लेने वाला कोई नहीं होता है उस समय हम दूध को किसी तरह बेच पाते हैं लेकिन इस डेयरी प्लांट खुल जाने से किसी तरह का समस्या नहीं होगी। अपना सारा दूध इस डेरी प्लांट में जाकर दे देंगे और दूध का दुगुना दाम मिलेगा और एक साथ महीने के अंतिम दिन में एक मुस्त पैसा मिलने से हम लोगों को फायदा भी होगा और बाजार में दूध की मांग बढ़ेगी।
किसान का कहना है कि इस डेयरी प्लांट से बिहार,नेपाल, बंगाल और झारखण्ड के रांची,धनबाद और बोकारो तक यह से दूध का मांग होगा। आने वाले समय मे मवेशी पाकक का खुशहाली का दिन आने वाला है।
बाइट-- किसान,1,2,3,4
राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि जब तक ग्रामीण अर्थव्यवस्था ठीक नहीं होगा जब तक ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा तब तक जिला और राज्य का विकास नहीं होगा और हमारा प्रयास शुरू से रहा कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आय में बढ़ोतरी हो। इसलिए हमारे प्रयास से 38 करोड की लागत से जिला में डेयरी प्लांट बन रहा है और बहुत जल्द या बनकर तैयार हो जाएगा इसकी क्षमता 50 हजार लीटर से दो लाख तक दूध स्टॉक करने का क्षमता तक होगा ।आने वाले समय में साहिबगंज जिला का चौमुखी विकास होगा दूध उत्पादन साहिबगंज निर्यातक जिला बन जाएगा।
बाइट--- अनंत ओझा, राजमहल विधायक
निश्चित रूप से डेयरी प्लांट साहिबगंज जिला के लिए काफी कारगर सिद्ध होगा। श्वेत क्रांति के रूप में या जिला विकास के ऊपरी पायदान पर होगा ।आने वाले समय में साहिबगंज जिला दूध उत्पादन में निर्यातक जिला बन जाएगा। मवेशी पलको में खुशी की लहर है है बहुत जल्द खुशियों का दिन लौटने वाला है।
बाइट-- शिव शंकर कुमार,रिपोर्टर, ईटीवी भारत,साहिबगंज



Conclusion:रूप से आने वाले समय में इस डेरी प्लांट से रोजगार का साधन खुलेगा जिला का चौमुखी विकास होगा और साहिबगंज जिला दूध उत्पादन में निर्यातक जिला बन जाएगा इस जिला से कोसी राज्य बिहार बंगाल नेपाल और झारखंड के बड़े शहरों में यहां से दूध, मक्खन ,पेड़ा,रबड़ी का मांग बढ़ेगी।
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