झारखंड में नियोजन नीति रद्द होने और नौकरियों की परीक्षाएं रुकने से फूटा युवाओं का गुस्सा, रांची सहित कई शहरों में जोरदार प्रदर्शन

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Published : Dec 21, 2022, 10:53 PM IST

Youth Protest in Jharkhand

हेमंत सरकार द्वारा लाई गई नियोजन नीति के रद्द (Cancellation of Hemant Sarkar Employment Policy) होने पर झारखंड के युवाओं में नौकरी के अवसर को खोने का डर है. ऐसे में युवा काफी आक्रोशित भी हैं. बुधवार को राजधानी सहित राज्य कई शहरों में आक्रोशित युवओं ने सड़कों पर उतरकर हेमंत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया (Youth Protest in Jharkhand). वे सरकार से 15 दिनों के अंदर संवैधानिक नियोजन नीति बनाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, इसे लेकर सरकार ने भी युवाओं को आश्वस्त किया है.

रांची: नौकरी के सवाल पर झारखंड में युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा है. बुधवार को झारखंड की राजधानी रांची सहित कई शहरों में युवाओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया (Youth Protest in Jharkhand). राज्य सरकार की ओर से बनाई गई नियुक्ति नीति (रिक्रूटमेंट पॉलिसी) को हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया है (Cancellation of Hemant Sarkar Employment Policy). इसके बाद राज्य में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के हजारों पदों पर नियुक्ति के लिए चल रही करीब दो दर्जन विज्ञापन रद्द हो गए हैं.

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सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे युवा इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि एक साल में पांच लाख नौकरियां देने का वादा कर सत्ता में आई हेमंत सोरेन की सरकार वादा पूरा करने में बुरी तरह फेल रही है. सरकार ने ऐसी नियोजन नीति बनाई कि वह रद्द हो गई. यह हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है. सरकार की गलतियों से युवाओं की नौकरी की उम्र निकल रही है.

रांची में राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए युवाओं ने विधानसभा के पुराने भवन के पास जमा होकर जोरदार प्रदर्शन किया. इसके बाद वे रैली की शक्ल में विधानसभा के नए भवन की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया. इसके बाद युवा सड़क पर ही बैठकर विरोध जताने लगे. चार-पांच घंटे विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक सुदिव्य सोनू, दीपिका पांडेय सिंह, विनोद सिंह और लंबोदर महतो ने प्रदर्शनकारी छात्र-युवाओं से वार्ता की और उन्हें आश्वस्त किया कि नई नियोजन नीति पर जल्द मुख्यमंत्री के साथ चर्चा होगी और नौकरी की परीक्षाएं जल्द से जल्द आयोजित कराई जाएंगी.

इधर हजारीबाग, डालटनगंज, कोडरमा और रामगढ़ जिलों में भी हजारों युवाओं ने समाहरणालयों के समक्ष प्रदर्शन किया. कई जगहों पर सड़कें भी जाम की गईं. हजारीबाग से रांची प्रदर्शन करने आ रहे युवाओं की कई बसें हजारीबाग-रांची रोड पर मांडू थाने के पास रोक दी गईं. इसके विरोध में युवाओं ने करीब दो घंटे तक एनएच-33 को जाम किए रखा. रामगढ़ एसडीपीओ किशोर कुमार रजक सहित कई पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर उन्हें समझाने की कोशिश की. लगभग तीन घंटे बाद पुलिस ने उनकी बसों को छोड़ा.

इधर डालटनगंज में छात्रों ने रेड़मा चौक से छहमुहान तक रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने कचहरी चौक और समाहरणालय जाने वाले रास्ते को जाम रखा. रैली में शामिल छात्र-छात्राएं हाथों में तख्तियां लिए हुए थे और झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चल रहे थे. बाद में मांगों से संबंधित एक ज्ञापन दंडाधिकारी को सौंपा गया. इसी तरह झुमरी तिलैया में सैकड़ों छात्रों ने सरकार के खिलाफ रैली निकाली. वे राज्य सरकार से 15 दिनों के भीतर मान्य नियोजन नीति लाने की मांग कर रहे थे. सरकारी बस स्टैंड से निकाली गई इस रैली के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई और कई जगहों पर जाम लग गया.

बता दें कि झारखंड सरकार ने थर्ड-फोर्थ ग्रेड के पदों पर नियुक्ति के लिए जो पॉलिसी लाई थी, उसमें जेनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों के लिए झारखंड के शैक्षणिक संस्थान से मैट्रिक-इंटर पास करने की अनिवार्य शर्त लगाई गई थी. इसके अलावा परीक्षाओं में हिंदी को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाकर उर्दू को शामिल कर लिया गया था. कई लोगों ने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई और कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया. इसके बाद से ही युवा गुस्से में हैं और जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं.

इस मुद्दे पर झारखंड विधानसभा में भी पिछले तीन दिनों से हंगामा जारी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सत्ताधारी दलों के लोगों ने नियोजन नीति को खारिज किए जाने के लिए यूपी-बिहार के लोगों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि हम अपने राज्य के मूल वासियों को थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियां देने की पॉलिसी बनाते हैं तो बाहर के लोग कोर्ट में जाकर इसे रद्द करा देते हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि वह देख रहे हैं कि नीति रद्द होने के बाद ऐसी कौन सी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, जिससे युवाओं को जल्द से जल्द नौकरी दी जा सके.

(इनपुट-आईएएनएस)

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